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    Durgontsav in Varanasi : देवी दुर्गा प्रतिमा निर्माण में महंगाई का असर, अजंता और ओरियंटल शैली की मूर्ति का खर्च आ रहा 40 हजार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Wed, 07 Sep 2022 10:40 PM (IST)

    दुर्गोत्सव की दृष्टि से मिनी बंगाल कहे जाने वाले बनारस में इस वर्ष 26 सितंबर से शुरू होने वाले उत्सव पर महंगाई का रंग कुछ ज्यादा ही चटख दिखेगा। देवी प्रतिमाओं के निर्माण की लागत बीते तीन साल में तीस फीसदी तक बढ़ गई है।

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    वाराणसी में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाता मूर्तिकार।

    वाराणसी, जागरण संवाददाता। दुर्गोत्सव की दृष्टि से मिनी बंगाल कहे जाने वाले बनारस में इस वर्ष 26 सितंबर से शुरू होने वाले उत्सव पर महंगाई का रंग कुछ ज्यादा ही चटख दिखेगा। देवी प्रतिमाओं के निर्माण की लागत बीते तीन साल में तीस फीसदी तक बढ़ गई है। मध्यम आकार की अजंता अथवा ओरियंटल शैली की एक प्रतिमा बनाने में औसतन खर्च 40 हजार रुपये तक आ रहा है।

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    शहर के पांडेय हवेली, बंगाली टोला, खोजवां और आदमपुर क्षेत्र के प्रतिमा शिल्पियों ने बताया कि एक तरफ तो उनकी लागत बढ़ गई है दूसरी तरफ पूजा आयोजक आर्थिक तंगी का रोना रो रहे हैं। लोग प्रतिमाएं बनवाना भी चाह रहे हैं और अधिक खर्च को भी तैयार नहीं हैं। मूर्तिकार गोपाल चंद्र डे ने बताया कि प्रतिमा कारीगरों ने अपनी कीमत तीन सौ रुपये बढ़ा दी है। पिछले साल प्रतिमा निर्माण में एक व्यक्ति को 500 रुपये रोज मजदूरी दी जा रही थी, इस बार उन्हें आठ सौ रुपये रोजाना देने पड़ रहे हैं। सुतली की कीमत 80 रुपये से 140 रुपये हो गयी है। गत वर्ष जिस बांस के लिए 150 रुपये दिए थे इस वर्ष उतना ही बड़ा बांस 250 रुपये में खरीदना पड़ा है। पुआल की कीमत पांच सौ रुपये कुंतल से हजार रुपये कुंतल हो गई है। रंग-पेंट और ब्रश की कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही है। तीन साल में दो गुने से अधिक का अंतर इनकी कीमतों में आ चुका है।

    - मजदूरी, सुतली, बांस, रंग व अन्य चीजों की कीमतों में भारी इजाफा

    -अजंता अथवा ओरियंटल शैली की प्रतिमा का खर्च आ रहा 40 हजार

    उम्मीद है कुछ बचत होगी

    26 सितंबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र के दौरान जिले में 284 स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाओं की प्रतिष्ठापित की जानी है। शिल्पकार अभिजीत विश्वास ने बताया कि कोरोना के कारण बीते दो वर्षों में काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस वर्ष भी उधार लेकर प्रतिमाओं का निर्माण आरंभ किया है। उम्मीद है कि उधार चुकाने के बाद थोड़ी बहुत बचत हो जाएगी जिससे कुछ महीनों तक गुजारा हो जाएगा।

    नए स्थान पर नहीं होगी दुर्गा मूर्ति स्थापना

    आगामी शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा पंडाल के आयोजकों की कमिश्नरेट के थानों पर बुधवार को बैठक हुई। इस दौरान आयोजकों को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए। आयोजन की अनुमति लेने के साथ ही शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए किसी भी सार्वजनिक व नए स्थान पर पंडाल व मूर्ति की स्थापना नहीं की जाएगी। आयोजकों द्वारा समस्याओ को बताया गया, जिस पर पुलिस अधिकारियों ने जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया।

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