चक्रवात मोंथा के प्रभाव से वाराणसी सहित पूर्वांचल में हो रही बारिश, बूंदाबांदी से पारा धड़ाम
चक्रवात 'मोंथा' के चलते वाराणसी और पूर्वांचल में बारिश हो रही है, जिससे तापमान में गिरावट आई है। बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी से राहत मिली है, लेकिन सड़कों पर पानी भरने से यातायात प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में ठंड में इजाफे की संभावना जताई है।

वाराणसी में लगातार रह रहकर बारिश का दौर जारी है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। बंगाल की खाड़ी में बना गंभीर चक्रवाती तूफान “मोंथा” बुधवार की शाम 5:30 बजे छत्तीसगढ़ के आसपास अवदाब के रूप में संकेंद्रित हो गया था। गुरुवार को भी सुबह वाराणसी सहित पूर्वांचल में तापमान में कमी के साथ ही बूंदाबांदी का रुख बना रहा।
आगामी 12 घंटों में यह लगभग उत्तरी दिशा में आगे बढ़ने के साथ कमजोर पड़कर सुस्पष्ट निम्नदाब क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा लेकिन इसके अवशेष के प्रभाव से 30-31 अक्टूबर को दक्षिणी एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में झोंकेदार हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
पूर्वांचल के कुछ जिलों में भारी वर्षा भी हो सकती है। इसके चलते 31 अक्टूबर शुक्रवार तक अधिकतम तापमान में जबरदस्त दैनिक उतार-चढ़ाव हो सकता है जबकि न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। हालांकि कुछ समय बाद कोहरे और गलन का व्यापक असर होने का अनुमान है।
लखनऊ स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंचलिक कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार एक नवंबर से वर्षा में प्रभावी तौर पर कमी आएगी और दो नवंबर रविवार से प्रदेश का मौसम शुष्क हो जाएगा।
इसके बाद अधिकतम तापमान में हो रहा उतार-चढ़ाव थम जाएगा और इसमें क्रमिक बढ़ोतरी आरंभ होगी जबकि न्यूनतम तापमान में क्रमिक गिरावट शुरू हो जाएगी। डा. सिंह के अनुसार गुरुवार को चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर एवं आसपास के इलाकों में भारी वर्षा हो सकती है जबकि इनके अतिरिक्त बांदा, फतेहपुर, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में मेघगर्जन व वज्रपात भी हो सकता है।
मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बुधवार की सुबह 8:30 बजे तक शहर में 0.4 मिमी बूंदाबांदी हुई थी। बीते चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 26.6°C डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5.1 डिग्री कम रहा। न्यूनतम तापमान 20.8°C दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। इस दौरान 007.0mm बारिश दर्ज की गई। जबकि आर्द्रता न्यूनतम 91% और अधिकतम 96% फीसद दर्ज किया गया
गिरी धान की फसलें, 15 से 20 प्रतिशत फसल का नुकसान
अरब सागर में बने चक्रवाती अवदाब से घिरे बादलों से हो रही बेमौसम बूंदाबांदी ने काटकर मड़ाई के लिए रखी गई धान की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। मोंथा के प्रभाव से अभी गुरुवार व शुक्रवार को भी मौसम वर्षा का बना रहने का पूर्वानुमान है। इधर तेज पुरवाई से धान की पकी फसलें खेतों में लोट गई हैं। उनके भीग जाने व डंठल नरम हो जाने से उनमें फंफूदी लग सकती है।
कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर के प्रभारी अधिकारी प्रधान विज्ञानी डा. एनके सिंह ने बताया कि इस तरह अभी तक 10 से 15 प्रतिशत धान की फसल को वर्ष से नुकसान पहुंचा है, यदि इस बीच गुरुवार व शुक्रवार तेज वर्षा हो गई तो नुकसान का दायरा बढ़ सकता है। जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह ने बताया कि बेमौसम वर्षा से हुए धान के नुकसान की पूरी रिपोर्ट मौसम खुलने के बाद 72 घंटे के बीच तक ली जाएगी। इसके बाद ही स्पष्ट रूप से आंकड़ा सामने आ सकेगा।

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