Move to Jagran APP

चंदौली में मानसून मेहरबान होने से विभाग ने बढ़ाया धान का रकबा, किसानों को इस बार बेहतर फसल की उम्‍मीद

इस बार मानसून मेहरबान है। जून के दूसरे पखवारे में जिले में खूब बारिश हो रही। ऐसे में कृषि विभाग ने धान की खेती का रकबा बढ़ा दिया। खरीफ सत्र में जिले में लगभग 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 05:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 05:13 PM (IST)
किसान मौसम के रुख को देखते हुए धान की नर्सरी के बाद अब रोपाई की तैयारी में जुट गए हैं।

चंदौली, जेएनएन। इस बार मानसून मेहरबान है। जून के दूसरे पखवारे में जिले में खूब बारिश हो रही। ऐसे में कृषि विभाग ने धान की खेती का रकबा बढ़ा दिया। खरीफ सत्र में जिले में लगभग 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वैसे, हर साल लगभग 1.20 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई होती है। पिछले साल जिले में लगभग चार लाख एमटी धान का उत्पादन हुआ था। इस बार रकबा बढ़ने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है। मौसम ने यदि आगे भी साथ दिया, तो जिले की सोना उगलने वाली मिट्टी किसानों की झोली भर देगी।

loksabha election banner

जनपद में 2.22 लाख किसान हैं। इसमें 10 हजार बड़े किसान हैं, जिनके पास चार से पांच हेक्टेयर तक जमीन है। शेष लघु व सीमांत किसान हैं। जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही आधारित है। इस साल मानसून मेहरबान है। लगभग एक सप्ताह पहले ही मानसून ने दस्तक दी। तभी से लगातार बारिश हो रही है। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश से खेत जलमग्न हो गए हैं। किसान मौसम के रुख को देखते हुए धान की नर्सरी के बाद अब रोपाई की तैयारी में जुट गए हैं। खेत की मेड़ों को ठीक करने के साथ ही नालियों की खोदाई और मरम्मत का काम किया जा रहा। ताकि बारिश का पानी खेतों में जुटा रहे। कृषि विभाग ने भी इस बार धान की रोपाई का लक्ष्य बढ़ा दिया है। इसे 1.30 लाख हेक्टेयर कर दिया गया है। जून के अंतिम सप्ताह से कई इलाकों में धान की रोपाई भी शुरू हो जाएगी। यदि मौसम ने साथ दिया, तो इस बार रिकार्ड उत्पादन होगा। वहीं अन्नदाताओं की झोली भर जाएगी

45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन

जिले की मिट्टी धान की खेती के लिए काफी अनुकूल है। काली और दोमट मिट्टी में खूब पैदावार होती है। इसलिए जिले में धान का उत्पादन 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। खासतौर से 135 से 140 दिन में पककर तैयार होने वाली धान की प्रजाति एमटीयू 7029 (नाटी मंसूरी) सबसे अधिक पैदावार देती है।

बांध लबालब, नहीं होगी पानी की किल्लत

चक्रवाती तूफान और मानसूनी बारिश से नौगढ़ क्षेत्र के विशालकाय मूसाखाड़ व चंद्रप्रभा बांध भी अब लबालब हो गए हैं। बांधों में इतना पानी इकट्ठा हो गया है कि एक माह से अधिक समय तक लगातार नहरों का संचालन किया जा सके। अभी जुलाई व अगस्त माह की बारिश के बाद बांध पूरी तरह से भर जाएंगे। ऐसे में पानी की दिक्कत नहीं होगी।

 इस बार 1.30 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया

इस बार 1.30 लाख हेक्टेयर में खरीफ की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। किसानों को खेती में उन्नत तकनीकी अपनाने की सलाह दी जाती है। ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन कर अपनी आय बढ़ा सकें।

राजीव कुमार भारती, उपनिदेशक, कृषि


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.