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Dream Project of PM Modi: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी

Dream Project of PM Modiकाशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पांच लाख वर्ग फीट के एरिया में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र में निर्माण होगा। कल्चरल सेंटर वैदिक केंद्र टूरिस्ट फेसिलिटेशन सेंटर सिटी म्यूजियम जप-तप भवन भोगशाला मोक्ष भवन और दर्शनार्थी सुविधा केंद्र अधिकतम दो मंजिला ही होंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 04:17 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:08 PM (IST)
Dream Project of PM Modi: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी
इसका काम गति पकड़ चुका है और मंदिर के स्वरूप को काफी विस्तार दिया जा रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास कार्य को बेहद नियोजित तथा योजनाबद्ध तरीके से करने की है। इसी क्रम में उनका ड्रीम प्रोजेक्ट माने जा रहे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य ने काफी गति पकड़ ली है।

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पीएम मोदी ने कॉरिडोर परियोजना की नींव वर्ष 2009 में रखी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश सरकार के कार्यकाल में स्थानीय विरोध के चलते इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के निर्माण कार्य की एक बार फिर शुरुआत योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनवरी 2018 से की है। अब इसका काम गति पकड़ चुका है और मंदिर के स्वरूप को काफी विस्तार दिया जा रहा है।

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पांच लाख वर्ग फीट के एरिया में सिर्फ 30 फीसदी क्षेत्र में निर्माण होगा। कल्चरल सेंटर, वैदिक केंद्र, टूरिस्ट फेसिलिटेशन सेंटर, सिटी म्यूजियम, जप-तप भवन, भोगशाला, मोक्ष भवन और दर्शनार्थी सुविधा केंद्र अधिकतम दो मंजिला ही होंगे। इन सभी की ऊंचाई विश्वनाथ मंदिर के शिखर से ऊपर नहीं होगी। यहां पर तो सुरक्षा व्यवस्था एयरपोर्ट जैसी होगी।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मिले मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण की पहल की जा रही है। संरक्षण के कार्य में काशी हिंदू विश्वविद्यालय और संस्कृति मंत्रालय की टीम को जिम्मेदारी दी गई है। बाबा दरबार परिसर से ललिता एवं मणिकर्णिका घाट तक बनने वाला काशी विश्वनाथ धाम वास्तविक रूप से धर्म नगरी का अहसास कराएगा। वहीं दूसरी तरफ यहां आनंद कानन और रुद्र वन की परिकल्पना साकार होगी। रुद्र वन में रुद्राक्ष के 350 से ज्यादा पौधे लगाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ धाम की मणिमाला के मंदिरों का ऐतिहासिक दस्तावेज देश और दुनिया के सामने होगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास के दस्तावेजों को तैयार करने के लिए एएसआई भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू किया है।

परियोजना में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास, इसके साथ उनकी प्राचीनता, उनकी विशेषता के अलावा मंदिरों के निर्माता की जानकारियां जुटाई जा रही हैं। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के लिए खरीदे गए तीन सौ भवनों में 60 से अधिक छोटे बड़े मंदिर मिले हैं।

इनमें से करीब एक दर्जन मंदिरों की वास्तु कला बहुत ही अद्भुत है। पत्थरों को तराश कर इतनी शानदार नक्काशी उकेरी गई है, जो अपने आप में अद्भुत है। इन सभी में भी तीस मंदिर ऐसे हैं, जिनका जिक्र तो स्कंद पुराण के काशी खंड में मिलता है। 


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