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गांधीजी की चंपारण यात्रा पर महात्‍मा गांधी काशी विद्यापीठ में हुआ नाटक का मंचन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आैर देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती शुक्रवार को शैक्षिक संस्थानों में भी पूरे श्रद्धा के साथ मनाया गया। प्राथमिक विद्यालयों से लगायत विश्वविद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में दोनों महापुरुषाें के व्यक्तित्व व कृतित्व का वक्ताओं ने बखान किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 02:22 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 02:22 PM (IST)
गांधीजी की चंपारण यात्रा पर महात्‍मा गांधी काशी विद्यापीठ में हुआ नाटक का मंचन
गांधी अध्ययन पीठ सभागार में मंच कला विभाग के विद्यार्थियोें गांधीजी की चंपारण यात्रा पर नाटक का मंचन किया।

वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आैर देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती शुक्रवार को शैक्षिक संस्थानों में भी पूरे श्रद्धा के साथ मनाया गया। प्राथमिक विद्यालयों से लगायत विश्वविद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में दोनों महापुरुषाें के व्यक्तित्व व कृतित्व का वक्ताओं ने बखान किया। सर्वधर्म सभा कर बापू को श्रद्धाजंलि अर्पित की। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पूरी तरह से बापूमय रहा। इस दौरान गांधी अध्ययन पीठ सभागार में मंच कला विभाग के विद्यार्थियोें गांधीजी की चंपारण यात्रा पर नाटक का मंचन किया। वहीं जलियांवाला बाग में एक दर्दनाक निर्दयतापूर्ण घटना की मार्मिक प्रस्तुति कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। मंचन कर विद्यार्थियोें काशी विद्यापीठ की स्थापना में बापू योगदान को दर्शाने का प्रयास किया।

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इससे पहले कुलपति प्रो. टीएन सिंह ने परिसर स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ब राष्ट्ररत्न बाबू शिव प्रसाद गुप्त की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस क्रम में मानविकी संकाय स्थित ‘बापू स्मृति दीर्घा’ में भजन कीर्तन कार्यक्रम हुआ। मुख्य समारोह गांधी अध्ययनपीठ में सुबह 11 बजे से सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ। छात्रों में ‘तू राम है, तू रहीम है, तू करीम, कृष्ण, ख़ुदा हुआ...' की प्रस्तुति कर लोगों को भाव-विभाेर कर दिया। इस क्रम में मंच कला के विद्यार्थियोें गांधी के स्वदेशी आंदोलन का जीवंत मंचन कर लोगों देशभक्ति का अलख जगाने का प्रयास किया। इतिहास की दर्दनाक घटना को दर्शाता ‘जलियांवाला बाग’ नाटक मार्मिक प्रस्तुति कर विद्यार्थियोें ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।

इस घटना के जिम्मेदार लोगों को ऊधम सिंह ने किस प्रकार मौत के घाट उतारा, ऊधम सिंह की देशभक्ति के जज्बे, क्रांतिकारियों के संघर्ष, देशवासियों के बलिदान को पेश किया गया। यह नाटक डा. विजय यादव व शुभ्र वर्मा द्वारा लिखित निर्देशित किया था। वहीं तरूण कन्नोजिया ने महात्मा गांधी, वर्षा राय ने कस्तूरबा गांधी, विशाल सिंह ने शिव प्रसाद गुप्त, राज गौतम ने भगवान दास, तूषार वर्मा ने पं. नेहरू, सौरभ जायसवाल ने जिन्ना, शैलेंद्र यादव ने राजा राम शास्त्री, सौरभ श्रीवास्तव ने चंद्रशेखर आजाद की भूमिका निभाई।  विभिन्न नाटकों के मंचन में कुल 35 कलाकारों ने हिस्सा लिया। समारोह में मुख्य रूप से  कुलसचिव डा. एसएल मौर्य, वित्त अधिकारी राधे श्याम, डा. नलिनी श्याम कामिल, प्रो. केएस जायसवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन गांधी अध्ययनपीठ के निदेशक डा. बंशीधर पांडेय ने किया।

छात्रों ने रखा उपवास

समाजवादी छात्र सभा, काशी विद्यापीठ इकाई के छात्रों ने गांधी जयंती पर प्रशासनिक भवन के सामने बापू की प्रतिमा के समक्ष उपवास पर रहे। इस दौरान दो घंटे मौन रहकर छात्रों ने गांधी जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। उपवास में मुख्य रूप से छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष संदीप कुमार, राहुल सोनकर, अनिल यादव, अभिषेक यादव, आनंद यादव ,राहुल सिंह, मर्श अहमद ,राजू थापा, अखिलेश यादव सहित अन्य लोग शामिल थे।


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