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    वाराणसी की डा. शिप्राधर को गुजरात सरकार और एआइडब्ल्यूसी ने किया सम्मानित

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 08 Dec 2020 12:06 PM (IST)

    वाराणसी की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शिप्राधर द्वारा बेटियों के जन्म पर कोई शुल्क न लेने तथा बेटी नहीं है बोझ आओ बदलेंं सोच अभियान के लिए गुजरात सरकार व एआइडब्ल्यूसी की ओर से सम्मानित किया गया।

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    डा. शिप्रा को सम्मान महिला सशक्तिकरण के लिए वर्चुअल माध्यम से प्रदान किया गया है।

    वाराणसी, जेएनएन। काशी की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शिप्राधर द्वारा बेटियों के जन्म पर कोई शुल्क न लेने तथा 'बेटी नहीं है बोझ आओ बदलेंं सोच' अभियान के लिए गुजरात सरकार व एआइडब्ल्यूसी की ओर से सम्मानित किया गया। डा. शिप्रा को उक्त सम्मान महिला सशक्तिकरण के लिए वर्चुअल माध्यम से प्रदान किया गया है। विदित हो कि काशी मेडिकेयर की निदेशिका डा. शिप्रा धर बेटियों के जन्म पर कोई शुल्क नहीं लेती हैं।

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    डा. शिप्रा द्वारा यह मुहिम विगत छह वर्षों से चलाई जा रही है। भारत सरकार की मुहिम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से भी शिप्रा धर जुड़ी हुई हैं। वे तकरीबन 50 जरूरतमंद बच्चियों को निःशुल्क शिक्षा भी प्रदान करती हैं और इसके लिए उन्होंने कोशिका नामक एक स्कूल भी खोला है। साथ ही 40 बिधवा महिलाओं को प्रति माह एक महीने का राशन अपने अनाज बैंक के तहत प्रदान करती हैं। डा. शिप्रा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बच्चियों को सिलाई-कढ़ाई व कम्प्यूटर की शिक्षा भी प्रदान करती हैं। इस कार्य में उनके चिकित्सक पति डॉ. एमके श्रीवास्तव का पूर्ण योगदान मिलता रहता है।

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