Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आंदोलनरत बुनकरों की मांग स्वीकार, रिव्यू के बाद फ्लैट रेट पर ही मिलेगी बिजली

    By saurabh chakravartiEdited By:
    Updated: Tue, 17 Nov 2020 09:00 PM (IST)

    विगत तीन महीने से फ्लैट बिजली दर को लेकर आंदोलनरत बुनकरों की मांग आखिरकार मंगलवार को पूरी हुई। सरकार ने न केवल उनके प्रस्तावों पर सहमति जताई बल्कि उचि ...और पढ़ें

    Hero Image
    शास्‍त्री घाट पर फ्लैट बिजली व्यवस्था की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बुनकर।

    वाराणसी, जेएनएन। विगत तीन महीने से फ्लैट बिजली दर को लेकर आंदोलनरत बुनकरों की मांग आखिरकार मंगलवार को पूरी हुई। सरकार ने न केवल उनके प्रस्तावों पर सहमति जताई, बल्कि उचित मूल्यवृद्धि के साथ नई दर व नई योजना जल्द बनाने का भरोसा भी दिलाया। फ्लैट रेट की नई योजना बुनकर प्रतिनिधियों के रिव्यू व उनकी सहमति के बाद पूरे सूबे में लागू की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    फ्लैट रेट पर बिजली की मांग के मद्देनजर प्रदेश भर के बुनकर प्रतिनिधियों की बैठक अपर मुख्य सचिव हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग रमा रमण की अध्यक्षता में लोक भवन सचिवालय लखनऊ में हुई। बैठक में शामिल बुनकर बिरादराना तंजीम चौदहों के सरदार मकबूल हसन ने बताया कि बनारस, मऊ, आंबेडकर नगर सहित अन्य जनपदों के बुनकर प्रतिनिधियों ने एक स्वर में फ्लैट रेट व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई थी। अपर मुख्य सचिव ने मांग को स्वीकार करते हुए जल्द रिव्यू मीटिंग बुलाकर फ्लैट रेट निर्धारित करने का आश्वासन दिया है। बुनकर प्रतिनिधियों ने फैसले का स्वागत करते हुए सरकार का शुक्रिया अदा किया। बैठक में मेरठ के विधायक हाजी रफीक अहमद अंसारी, वाराणसी से एमएलसी अशोक धवन, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष हाजी अनवार अहमद अंसारी, सरदार मकबूल हसन व सरदार मकबूल हसन अशरफी, बुनकर महासभा उप्र के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी, बुनकर उद्योग फाउंडेशन के महासचिव जुबैर आदिल सहित अन्य जनपदों से बुनकर प्रतिनिधि शामिल थे।

    ये थी पुरानी फ्लैट रेट व्यवस्था

    वर्ष 2006 से किसानों की तर्ज पर बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली की व्यवस्था की गई थी। इसमें बुनकरों को प्रति पावरलूम हर महीने 72 रुपये देने होते थे। सितंबर में अपर मुख्य सचिव संग बुनकर प्रतिनिधिमंडल की बैठक में ये बातें तय हुईं थीं कि 2006 से अब तक जितनी मूल्य वृद्धि किसानों की बिजली में की गई, उतनी ही बुनकरों में भी की जाए। इस पर सहमति बनी कि बुनकरों के जुलाई तक के बिल पुराने फ्लैट रेट के हिसाब से ही जमा होंगे। उसके बाद सरकार बुनकर प्रतिनिधियों से बातचीत कर पहले से भी बेहतर व्यवस्था बनाएगी। मगर एक महीना बीतने के बाद भी जब बुनकरों के बिल जमा होने शुरू नहीं हुए और एक-एक कर उनके कनेक्शन काटे जाने लगे तो रोजी-रोटी पर संकट आता देख बुनकर एक बार फिर आंदोलित हो उठे।