वीडीए की आई सफाई, कहा- "दालमंडी ध्वस्तीकरण में भवन स्वामियों एवं दुकानदारों को दिया गया सुनवाई का अवसर"
दालमंडी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने सफाई दी है। वीडीए के अनुसार, बिना अनुमति के बने 12 अवैध भवनों को नोटिस दिया गया था और ध्वस्तीकरण से पहले सभी पक्षों को सूचित किया गया था। सड़क चौड़ीकरण योजना के तहत एक भवन को ध्वस्त किया गया और विरोध करने पर मुकदमा दर्ज किया गया। वीडीए का कहना है कि यह कार्रवाई शहर के विकास के लिए जरूरी है।

मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। दालमंडी में चल रही कार्रवाई को लेकर सियासी आरोपों से घिरा प्रशासन अब सफाई के मोड में आ गया है। शनिवार को वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव ने जानकारी दी है कि वार्ड-चौक अंतर्गत दालमंडी में बिना प्राधिकरण की अनुमति के कुल 12 अवैध भवनों पर उप्र नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की संबंधित धाराओं के तहत नोटिस की कार्यवाही की गई है।
इन 12 भवन स्वामियों ने अपने अनधिकृत निर्माण के खिलाफ पारित ध्वस्तीकरण आदेश के संदर्भ में प्राधिकरण कार्यालय में न तो कोई अनुज्ञा प्रपत्र प्रस्तुत किया और न ही स्वामित्व अभिलेख। इस कारण से इन अवैध निर्माणों के खिलाफ पूर्व में पारित ध्वस्तीकरण आदेश प्रभावी रहा।
ध्वस्तीकरण की कार्यवाही से पूर्व सभी पक्षों को सूचित किया गया। सभी अवैध भवनों और दुकानों को अध्यासन मुक्त करने के लिए संबंधित पक्षों को नोटिस चस्पा किया गया और लाउडस्पीकर के माध्यम से मुनादी कराई गई। उन्हें 14 नवंबर तक का समय दिया गया था। प्राधिकरण ने सभी 12 अवैध भवन स्वामियों एवं दुकानदारों को विधि सम्मत सुनवाई का उचित अवसर प्रदान किया है।
पुलिस उपायुक्त, जोन काशी कमिश्नर ने बताया कि दालमंडी सड़क का चौड़ीकरण नई सड़क से लेकर थाना चौक रोड तक प्रस्तावित है। इस कार्य के तहत नगर निगम, राजस्व, पी.डब्ल्यू.डी और वीडीए की टीम ने 18 नवंबर को पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर भवन संख्या डी 50/221 काजीपुरा कला दशाश्वमेघ के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की।
मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। उल्लेखनीय है कि भवन डी 50/221 को वीडीए द्वारा अवैध घोषित किया गया था।
18 नवंबर को इस भवन को खाली कराने के लिए वीडीए और नगर निगम की टीम गई थी, लेकिन संबंधित ने मकान खाली नहीं किया और विरोध प्रदर्शन किया। इस पर वादी सौरभ देव प्रजापति, जोनल अधिकारी विकास प्राधिकरण द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना चौक पर कुछ लोगों और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इसकी विवेचना उपनिरीक्षक द्वारा की जा रही है। सहायक पुलिस आयुक्त दशाश्वमेध और प्रभारी निरीक्षक चौक को निर्देशित किया गया है कि वे साक्ष्य संकलन की कार्यवाही पूरी कर विवेचना का गुण-दोष के आधार पर विधिक निस्तारण करें और शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखें।
वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध निर्माणों के खिलाफ की जा रही यह कार्यवाही न केवल नियमों के पालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह शहर की विकास योजनाओं को भी साकार करने में सहायक सिद्ध होगी।

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