सारनाथ में नजर आएगी बौद्ध देशों की सांस्कृतिक झलक, साप्ताहिक उत्सव के आयोजन का खींचा जा रहा खाका
महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली वाराणसी सारनाथ में जल्द बौद्ध धर्म को मानने वाले दुनिया के हर प्रांत व देश की सांस्कृतिक झलकियां दिखेंगी। दरो-दीवार पर संस्कृति झलकेगी तो संबंधित देशों के नृत्य-संगीत खानपान और विविध कलाओं के जरिए भी यह दिख जाएगी।

वाराणसी [प्रमोद यादव]। महात्मा बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में जल्द बौद्ध धर्म को मानने वाले दुनिया के हर प्रांत व देश की सांस्कृतिक झलकियां दिखेंगी। दरो-दीवार पर संस्कृति झलकेगी तो संबंधित देशों के नृत्य-संगीत, खानपान और विविध कलाओं के जरिए भी यह दिख जाएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल में भारत के बौद्ध क्षेत्रों संग अलग-अलग देशों के सांस्कृतिक उत्सव साप्ताहिक आयोजित किए जाएंगे। जिसमें भागीदारी के लिए आसपास के होटलों को भी प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से प्रशासन ने इसका खाका खींचना शुरू कर दिया है। कोरोना संकट से निजात के साथ नए वर्ष में परिकल्पना जमीन पर उतर जाएगी तब सारनाथ की अलग ही रंगत नजर आएगी।
बनारस आने वाले पर्यटकों में तीस फीसद को भाता है सारनाथ भ्रमण
बनारस आने वाले विदेशी पर्यटकों में लगभग तीस फीसद से अधिक सारनाथ जाते ही हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या थाईलैंंड, म्यांमार (वर्मा), जापान, कंबोडिया, भूटान, श्रीलंका, वियतनाम, लाओस आदि देशों के सैलानियों की होती है तो इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और अन्य दक्षिण-पूर्वी देशों से भी पर्यटक आते हैैं। माना जा रहा कि पर्यटक सुविधाएं बढ़ाने के साथ संबंधित देशों के उत्सवों के जरिए सैलानियों की संख्या को बढ़ाया जा सकेगा।
रोड कनेक्टिविटी संग 134 करोड़ रुपये से सुविधा विस्तार
पर्यटन नगरी में अधिक से अधिक विदेशी पर्यटक आकर्षित करने के क्रम में सारनाथ पर खास ध्यान है। इस लिहाज से ङ्क्षरग रोड के जरिए इस क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी दी जा चुकी है। सारनाथ क्षेत्र में पुरास्थलों के एक किलोमीटर दायरे में गांवों तक का अंतरराष्ट्रीय मानक अनुसार विकास करने के लिए 134 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। नवंबर में प्रधानमंत्री ने सारनाथ में बनारस के पहले लाइट एंड साउंड शो का वर्चुअल लोकार्पण किया था। देव दीपावली पर बुद्ध की जीवन गाथा देखने आए थे।
बौद्ध देशों के सांस्कृतिक आयोजनों की तैयारी की जा रही है
प्रधानमंत्री की प्रेरणा से सारनाथ में बौद्ध देशों के सांस्कृतिक आयोजनों की तैयारी की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दी जाएगी।
- कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी वाराणसी
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