मोतीलाल ओसवाल में आनलाइन ट्रेडिंग के बहाने दो लोगों से 58 लाख की साइबर ठगी
वाराणसी में ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगों ने दो लोगों से 58 लाख रुपये की ठगी की। पीड़ितों को कम निवेश में ज्यादा कमाई का लालच दिया गया। मोतीलाल ओसवाल कंपनी में निवेश के नाम पर यह ठगी की गई। साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। नामी ट्रेडिंंग कंपनियां भी ठगों के चंगुल से बच नहीं पा रही हैं। इस बार मोतीलाल ओसवाल के नाम से ठगी का कारोबार का कारनामा सामने आया है। वाराणसी में सेबी का कार्यालय खुलने के बाद शेयर बाजार में निवेश की जागरुकता जहां लोगों में बढ़ी है तो वहीं दूसरी ओर ठगों ने भी अपने पैर बढ़ाए हैं। इसी कड़ी में वाराणसी जिले में आनलाइन ट्रेडिंग में कम निवेश करके अच्छी कमाई का झांसा देकर साइबर ठगों को दो लोगों को साथ 58 लाख रुपये की ठगी की। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस को दी गई तहरीर में शिवपुर के काजीसराय निवासी नीरज श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप काल आया। काल करने वाले ने आनलाइन ट्रेडिंग के जरिए कम निवेश में अच्छी कमाई की जानकारी दी। उस पर भरोसा करके एक लाख निवेश किया तो उस पर 15 हजार रुपये का लाभ मिला।
इसके बाद साइबर ठगों ने उसने मोती लाल ओसवाल नाम की कंपनी में निवेश करने को कहा। उस पर भरोसा करके उनके बताए बैंक खातों 43 लाख रुपये निवेश के लिए भेज दिया। इसके बाद उनके डिमैट एकाउंट में सवा करोड़ रुपये दिखाने लगे। इन रुपयों को हासिल करने के लिए उनसे दो करोड़ का निवेश करने को कहा गया। इस पर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
इसी तरह से शिवपुर के वरुणा एंक्लेव निवासी विश्व प्रताप सिंह से भी ठगी की गई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर आनलाइन ट्रेडिंग के जरिए कम निवेश में अच्छी कमाई करने मैसेज आया। उस पर यकीन करके दिए गए नंबरों से संपर्क किया। उसको व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा। ग्रुप से जुड़ी एक्सपर्ट अनन्या मेहता से मिलने वाले निर्देश के अनुसार पांच लाख रुपये का निवेश करने पर फायदा हुआ।
इसके बाद साइबर ठगों ने 15 लाख रुपये का निवेश मोती लाल ओसवाल नाम की कंपनी में कराया। इसके बाद 90 लाख रुपये की मांग करने लगे। इनकार करने पर किसी तरह की धनराशि नहीं दी। साइबर ठगी के शिकार हुए दोनों लोगों ने मोतीलाल ओसवाल के हेड आफिस में जानकारी की तो पता चला कि इस नाम से फर्जी एप संचालित करके ठगी की जा रही है। ठगी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप के एमडी रजत राजगढ़िया के नाम से चलाया जा रहा।
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