रेलवे रनिंग स्टॉफ को संक्रमित होने से बचाएगा चालक दल एप, वाराणसी में ऑनलाइन लग रही हाजिरी
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरों के बीच क्रू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत साइन ऑन और साइन ऑफ के लिए सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने नया मोबाइल एप विकसित किया है। इस एप के जरिए सरल तरीके से उक्त कर्मचारी साइन ऑन व साइन ऑफ कर सकते हैं।

वाराणसी, अनूप कुमार अग्रहरि। महामारी के दौर में रेलकर्मियों को संक्रमित होने से बचाने की कवायद चल रही है। खासकर फ्रंटलाइनर रेलवे चालक दल को हर संभव स्तर पर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व गार्ड कर्मचारियों की सुरक्षा की दृष्टि से " चालक दल" एप विकसित किया गया है। जिससे उक्त कर्मचारियों को अपने हेड क्वार्टर के कियॉस्क मशीन पर हाजिरी लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। एक ही मशीन पर कर्मचारियों के बायोमेट्रिक अटेंडेंट से आपस में संक्रमण फैलने का ख़तरा बना रहता है।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरों के बीच क्रू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत साइन ऑन और साइन ऑफ के लिए सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने नया मोबाइल एप विकसित किया है। इस एप के जरिए सरल तरीके से उक्त कर्मचारी साइन ऑन व साइन ऑफ कर सकते हैं।
ऐसे काम करता है एप
" चालक दल" एप हेड क्वार्टर से 100 मीटर के दायरे में ही काम करता है। नई व्यवस्था से जुड़ने के लिए सबसे पहले लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड को अपने मोबाइल में एप इंस्टॉल करना होगा। यह एप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। अपने सीएमएस की आईडी और पासवर्ड डालकर इसे अपडेट करना होगा। इसके बाद ड्यूटी अलॉट होने पर कर्मचारी ऑनलाइन हाजिरी लगा सकते हैं। खास यह है कि हेड क्वार्टर से 100 मीटर के दायरे में ही यह एप काम करेगा।
506 चालक और सहायक चालक
उत्तर रेलवे के कैंट स्टेशन(वाराणसी) मुख्यालय पर 506 लोको पायलट और सहायक लोको पायलट तैनात हैं। जिनमें 196 लोको पायलट व 310 सहायक लोको पायलट ड्यूटी करते हैं। इस संक्रमण काल मे भी यहां से 65 मेल व एक्सप्रेस गाड़ियों के लिए ड्यूटी लगाई जाती है। जबकि औसतन प्रतदिन 40 मालगाड़ियों को यही के कर्मचारियों से चलवाया जाता है।
इस कवायद से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है
चालक दल एप से कर्मचारियों के अटेंडेंस की व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कराया जा रहा है। इस कवायद से संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
- राजेश कुमार, मंडल यांत्रिक अभियंता, कैंट स्टेशन वाराणसी।

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