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    बनारस-लखनऊ हाईवे पर जलालपुर पुल में आई दरार, 4 साल पहले ही हुआ था निर्माण; NHAI ने बदला रास्ता

    Updated: Tue, 16 Jul 2024 08:15 AM (IST)

    Varanasi Lucknow Highway वाराणसी-सुलतानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे (एनएच-56) पर जौनपुर में जलालपुर के पास सई नदी पर चार साल पहले बने करीब 150 मीटर लंबे पुल के पिलर में आठ से 12 इंच तक दरार आ गई है। खामी सामने आने के बाद तुरंत आवागम रोक दिया गया है। साथ ही एनएचआइ ने मरम्मत का कार्य भी शुरू करा दिया है।

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    जौनपुर के जलालपुर के पास हाईवे पर किया गया डायवर्जन। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी।  बिहार में पुलों के निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार सामने आ चुका है। उत्तर प्रदेश में भी कई पुलों की गुणवत्ता की कलई खुल चुकी है। ऐसे में वाराणसी-सुलतानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे (एनएच-56) पर जौनपुर में जलालपुर के पास सई नदी पर चार साल पहले बने करीब 150 मीटर लंबे पुल के पिलर में आठ से 12 इंच तक दरार आ गई है।

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    एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने फिलहाल पुल पर आवागमन रोक दिया है। बदले हुए रास्ते से वाहनों को ले जाया जा रहा है। इस समय ट्रैफिक का पूरा लोड दो दशक से अधिक पुराने पुल पर डाइवर्ट हुआ है। इस कारण उस पर भारी जाम लग रहा है। वैसे प्राधिकरण की तरफ से क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन पुल को अभी 10 दिन बाद खोला जाएगा। साथ ही गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी।

    इंजीनियरों ने निरीक्षण के दौरान पकड़ी खामी

    जौनपुर की तरफ से पुल के पांचवें पिलर की निचली सतह क्षतिग्रस्त हो गई है। प्राधिकरण के इंजीनियरों ने यह खामी नियमित निरीक्षण के दौरान पकड़ी है। क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत नहीं कराई जाती तो पानी के वेग से पूरा पिलर बह सकता था। गुणवत्ता में कमी होने की वजह से यह गड़बड़ी सामने आई है। वाराणसी से सुलतानपुर तक सड़क पहले दो लेन थी। वर्ष 2017-18 में 813 करोड़ रुपये की लागत से सड़क को फोरलेन करने का कार्य शुरू हुआ।

    प्रोजेक्ट में पुल भी शामिल किया गया। चार साल पहले ही पांच पिलर वाला नया पुल चालू हुआ है। हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट लिमिटेड ने कार्य पूर्ण किया है। इस समय नदी में पानी बढ़ गया है। हालांकि नए पुल के बगल दो दशक पुराना पुल एकदम सही सलामत है। जलालपुर के कारोबारी अभिषेक गुप्ता ने पुल निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। चार साल पहले बने पुल के पिलर में दरार आने का मतलब साफ है, गुणवत्ता से समझौता हुआ है।

    पुल की सतह क्षतिग्रस्त हो गई थी। जांच के दौरान समय रहते ही समस्या पकड़ में आ गई है। मरम्मत कार्य पूर्ण करा लिया गया है। जल्द ही नए पुल से आवागमन बहाल कर दिया जाएगा। - आरएस यादव, प्रोजेक्ट डायरेक्टर वाराणसी, एनएचएआइ

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