Corona Infection in Mau : मोहल्ले-मोहल्ले डाक्टरों ने बांध रखा है कोरोना, बीएएमएस व बीएचएमएस मरीजों को दवा देकर कर रहे ठीक
गांव हो या शहर सर्दी-जुकाम बुखार और खांसी से कोई संयुक्त परिवार इन दिनों अछूता नहीं है। गांव में किसी को छींकते-खांसते देखते ही ग्रामीण उसे बिना किसी जांच कोरोना मरीज घोषित कर दे रहे हैं और सीधे डाक्टर से सलाह लेने की बात कह दे रहे हैं।
मऊ, जेएनएन। गांव हो या शहर सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी से कोई संयुक्त परिवार इन दिनों अछूता नहीं है। गांव में किसी को छींकते-खांसते देखते ही ग्रामीण उसे बिना किसी जांच कोरोना मरीज घोषित कर दे रहे हैं और सीधे डाक्टर से सलाह लेने की बात कह दे रहे हैं। वह भी शंका में भागा-भागा गांव के बीएएमएस और बीएचएमएस डाक्टर के पास पहुंच रहा है। चार-पांच दिन की दवा में ही 80 फीसदी लोग ठीक हो जा रहे हैं। अधिकांश ऐसे मरीज तो तुलसी और अरुष की पत्ती के काढ़ा से ही रोग का काम तमाम कर डाक्टर को भी इसकी तकलीफ नहीं दे रहे हैं।
गांवों में हाल यह है कि डाक्टर चलते-फिरते दवाएं दे रहे हैं। किसी के छींकते-छिलबिलाते देखते ही सबसे पहले गांव वाले और घर वाले उससे दूरी बना ले रहे हैं। अब पकड़े जा रहे हैं गांव के सरकारी या निजी प्रैक्टिस करने वाले डिग्री होल्डर डाक्टर। इसके बाद अपनी-अपनी पैथी के हिसाब से डाक्टर साहब तीन दिन की दवा पकड़ा रहे हैं। काढ़ा गरम पानी का सेवन करने को बताया जा रहा है। इसके बाद 80 प्रतिशत मरीज ठीक हो जा रहे हैं और दोबारा दवा की भी जरूरत नहीं पड़ रही है। सरकारी अस्पताल के चिकित्सक डा.कन्हैया त्रिपाठी ने बताया कि सामान्य फ्लू व बुखार के मरीज तीन से पांच दिन में ठीक हो जा रहे हैं। कोरोना जांच के लिए उनको बोला जा रहा है, लेकिन ठीक हो जाने पर वो नहीं जा रहे हैं। कुछ ऐसी ही कहानी मुहम्मदाबाद गोहना के चिकित्सक डा.प्रवीणपति पांडेय ने भी बताया। कहा कि कोरोना दहशत के बाजवूद ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सकों ने हालात को काफी हद तक काबू में किया है।