प्रधानमंत्री के कार्यकाल के नौ वर्ष पूरे, जानिए PM मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में क्या किए बदलाव..?
वाराणसी प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से सांसद चुने गए थे। पीएम मोदी के धार्मिक नगरी से सांसद चुने जाने के नौ वर्ष पूरे होने के अवसर पर जानते हैं कि उन्होंने यहां के लिए क्या क्या किया है?
जागरण ऑनलाइन डेस्क, वाराणसी: प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से सांसद चुने गए थे। पीएम मोदी के सांसद चुनने के बाद से ही इस शहर का नये सिरे से कायाकल्प होना शुरू हो गया। PM मोदी के प्रयासों और विकास योजनाओं के बदौलत ही बनारस का यह नया रूप दुनिया के सामने आया है। उन्होंने पिछले नौ वर्षों के दौरान वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और इस शहर व इसके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार लोकसभा का चुनाव वाराणसी लोकसभा सीट से 2014 में लड़े और यहां से 3.37 लाख मतों से जीत दर्ज की। फिर दूसरी बार 2019 में भी पीएम वाराणसी सीट से चुनाव लड़े और वहां की जनता ने रिकॉर्ड मत देकर 4.75 लाख मतों से विजयी बनाया। पीएम मोदी के धार्मिक नगरी से सांसद चुने जाने के नौ वर्ष पूरे हो चुके हैं। शिव नगरी के लोगों के इस योगदान के बदले उन्होंने वाराणसी के लिए क्या किया है? आइए जानते प्रधानमंत्री की वाराणसी को सौगातें...
भारत का पहला इनलैंड वॉटर मल्टी मोडल हब
भारत का पहला जलीय पोत के लिए मल्टी मोडल टर्मिनल काशी में। काशी को स्वतंत्र भारत में पहली ऐसी परियोजना का सम्मान मिला। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं धार्मिक नगरी में पहले जलीय पोत व कंटेनर का स्वागत किया।
विश्व स्तरीय रेल सेवा
काशी में विश्व का पहला डीजल से इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव। मोदी ने यहां देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू किया। इसके अलावा वाराणसी- दिल्ली के बीच महामना एक्सप्रेस और कैंट व मण्डुवाडीह स्टेशन का सौंदर्यीकरण किया।
किसान और गोमाता के लिए उच्चतम मूलभूत सुविधाओं का निर्माण
पीएम ने गोमाता की सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु मूलभूत सुविधाओं का उद्घाटन किया। काशी में गोमाता की सुरक्षा एवं आश्रय के लिए 102 गौ आश्रय केंद्र खुले। इसके अलावा यहां के किसानो के लिए 100 मीट्रिक टन क्षमता वाला कृषि उत्पाद गोदाम और बहुप्रयोजक बीज भण्डार, कृषि उत्पाद के निर्यात को सहायता देने व किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए आम एवं सब्जी के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस का उद्घाटन किया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उचित सम्मान
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक का काशी में उद्घाटन एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण किया गया।
साथ ही काशी में स्थापित 63 फुट लम्बी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का भी अनावरण हुआ। यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियो को उनकी स्मृति और जीवन से सीख लेने की प्रेरणा देता रहेगा।
विश्वनाथ से महाकाल तक की यात्रा हुई सुगम्य
वाराणसी से आरम्भ होने वाली और उज्जैन एवं ओम्कारेश्वर से जोड़ने वाली काशी महाकाल एक्सप्रेस सेवा की भी शुरुआत की गई। IRCTC द्वारा की गयी यह तीसरी कॉर्पोरेट रेल सेवा है, जो सभी आधुनिक सेवा और सुविधाओं से सुसज्जित है। वहीं सुगम्य यात्रा के लिए वातानुकूलित रेल में मॉडुलर बायो-टॉयलेट, धुंआ एवं अग्नि संशोधक और बुझाने के लिए यंत्र, आरामदायक बर्थ, आधुनिक मनोरंजन प्रदायक जैसी अनेकों सुविधाएं दी।
वाराणसी की सीवेज ट्रीटमेंट प्रबंधो का उन्नयन
ट्रांस्वर्स तकनीक से मोहन कतरा कोनिया घाट क्षेत्र एवं मुकीमगंज- मछोदरी के बीच में सीवर लाइन बिछाई गई, घाट व सेवज पम्पिंग स्टेशनों पर एफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम एवं स्काडा सिस्टम लगाए गए। इसके साथ ही कोनिया मुख्य पम्पिंग स्टेशन पर ग्रिड द्वारा बिजली एवं 0.8 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया।
काशी की सांस्कृतिक धरोहर को भेंट
मोदी के कार्यकाल में सारनाथ के धमेख स्तूप के ऐतिहासिक स्थल पर साउंड एंड लाइट शो का उद्घाटन किया गया। प्रतिदिन चलने वाला 30 मिनट का कार्यक्रम राजकुमार सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बनने तक के जीवन सफर पर प्रकाश डालता है जो पर्यटकों को काशी के इतिहास से जोड़ता, स्थानीय लोगों के गौरव को चिन्हित करता है और यह कार्यक्रम काशी की शान बना है।
सर्वजन को पाने का पानी उपलब्घ कराने के लिए प्रयासरत
ग्रामीण क्षेत्रो में पेय जल के लिए अनेकों पेय जल परियोजनाएं लोकार्पित किए। काशी में वर्ल्ड बैकों के नीर निर्मल परियोजनाओं के अंतर्गत 11 पेय जल परियोजना का उद्घाटन किया गया। इसके अलावा सिस-वरूणा वाटर सप्लाई स्कीम का नवीनीकरण, ट्रॉस- वरूणा वाटर सप्लाई स्कीम का स्काडा ऑटोमेशन उद्घाटित किया
भेलूपुर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में 2 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाया। साथ ही ₹428.54 करोड़ की लागत से 143 ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन परियोजनाएं शुरू की।
काशी के लिए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं
काशी में 430 बेड का सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का उद्घाटन कराया गया जो कोविड महामारी के समय में लड़ाई में सहायक बना।
74 बेड का मनोरोग हॉस्पिटल शुरू किया: मानसिक रोगों को प्राथमिकता और जागरूकता में अति कारगर
रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री हॉस्पिटल का सुधार कार्यक्रम आरम्भ किया।
प्राचीन शहर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढ़ांचे को बढ़ाना
काशी का कायाकल्प, पूर्वाचल के प्रमुख चिकित्सा केंद्र के रूप में बदला गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अस्पताल में 30 एनआईसीयू केयर बेड समर्पित, 30 उच्च निर्भरता इकाइयों और 40 मातृ देखभाल बिस्तरों के साथ 100 बिस्तरों वाले मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य शाखा का उद्घाटन किया। जिला अस्पताल में महिलाओं और बच्चों के लिए 50 बेड भी जोड़े गए। वहीं बीएचयू में आंखों से संबंधित बीमारियों के लिए क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का उद्घाटन किया गया।
कोविड प्रबंधन का काशी मॉडल
कोविड के लिए 750 बिस्तरों वाले अस्थायी अस्पताल ने काशी की कोविड के खिलाफ लड़ाई का क्रियान्वित किया। काशी कोविड रिस्पांस सेंटर-24X7 कमांड और कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जिसमें जनता के लिए फोन लाइन उपलब्ध है। यह सेंटर संपर्क ट्रेसिंग, अस्पताल की उपलब्धता, ऑक्सीजन की मांग और दवा स्टॉक में सहायता देती है।
कोविड महामारी के दौरान दूर-दराज के रोगियों की मदद करने के लिए डॉक्टरो, प्रयोगशालाओं और ई-मार्केटिंग कंपनियों को जोड़ने वाली काशी कवच नामक टेली-मेडिसिन सुविधा शुरू की गई। इसके अलावा काशी में 14 ऑक्सीजन संयंत्रो के उद्घाटन से शहर के लिए ऑक्सीजन उत्पादन में तेजी आई।
वाराणसी की सदैव सुरक्षा सुनिश्चित
इस दौरान यातायात, पुलिस प्रबंधन प्रणाली एवं मेडिकल इमरजेंसी के लिए एकीकृत कमांड और कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट निगरानी सुनिश्चित करने के लिए शहर के 720 महत्वपूर्ण स्थानो पर 3,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। पुलिस मामलों की बेहतर जांच कर सके इसके लिए वाराणसी में फोरेंसिक साइंस लेब यूनिट की स्थापना और शहर में शूटिंग रेंज बनाने के लिए नींव रखी गयी।
बेहतर सड़कें बेहतर कनेक्टिविटी
गोदौलिया मल्टीलेवल टू व्हीलर पार्किंग और शहरों के चार प्रमुख पार्कों का सौंदर्यीकरण और अपग्रेडेशन किया गया। पंचकोशी परिक्रमा सड़क का सौंदर्यीकरण, वाराणसी गाजीपुर सड़क पर 3 लेन का फ्लाईओवर और 18 ग्रामीण सड़कों का सौदर्यीकरण व मरम्मत कराया गया।
ग्रामीण लिंक रोड के पुनर्निर्माण के लिए 119 करोड़ रुपये की परियोजना : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे ओपन कैफे व फूड कोर्ट, रो-रो सुविधा, रामनगर घाट क्रूज विकसित, 84 घाटों पर साइनेज।
वाराणसी में अविरल बह रही विकास गंगा
• 102 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति योजना और प्राचीन सीवरेज प्रणाली का अपग्रेडेशन
• बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नए आवासीय कक्ष बनाने के लिए 92 करोड़ रुपये खर्च, रामेश्वर में साउंड सिस्टम व पर्यटन संबंधी विकास कार्य और छह स्थानों पर एलईडी स्क्रीन, क्षेत्र के लोकप्रिय कृषि उत्पादों के निर्यात की सुविधा के लिए वाराणसी के कारखियों के लिए एकीकृत पैक-हाउस बनाया गया।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर काशी के सांस्कृतिक अक्षय वट की नई शाखा
काशी की परंपरा के प्रतीक हेतु रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के मुहाने पर 108 रुद्राक्ष के साथ शिवलिंग की तरह डिजाइन बनवाई गई। 100 लोगों की क्षमता वाला बैठक कक्ष दो कमरों में 50 प्रत्येक की क्षमता के साथ विभाजित हो सकता है, आर्ट गैलरी और बहुउद्देशीय पूर्व-कार्य क्षेत्र प्रदान किये गए हैं। इसके अलावा 1,200 लोगों की क्षमता वाले अंतरराष्ट्रीय मानक सभागार बनाए गए।
शिक्षा और कौशल से युवा सशक्तिकरण की ओर अग्रसर वाराणसी
पीएम मोदी के अब तक के कार्यकाल में 139 करोड़ रुपये से अधिक खर्च पश्चात मछोदरी स्मार्ट स्कूल और कौशल विकास केंद्र की पूर्ति भी की गई। राजकीय महिला पॉलिटेक्निक के लिए आईटी ब्लॉक, लैब और आवासीय कक्ष विकसित किए गए। करौंदी आईटीआई परिसर में ड्राइविंग और प्रशिक्षण संस्थान का शुभारंभ, कालीपुर कृषि विज्ञान केंद्र का कार्य पूरा, युवाओं के कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए सिपेट (CIPET)- सेंटर फॉर स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट वाराणसी में विकसित किया जा रहा है।