Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Good News : मोटे अनाज बचाएंगे शुगर और बीपी की समस्या से, कैंसर के खतरे भी होंगे कम

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 01 Feb 2022 01:29 PM (IST)

    फाइबर में विषाक्त को सोखने की क्षमता होती है जिससे ये आंत में पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों को सोखते हैं और कोलन कैंसर के खतरे को कम करते है। साथ ही ये कोलेस्ट्रोल को भी कम करते है इसलिए इसका इस्तेमाल हृदय- रक्तवाहिका तंत्र रोगों में लाभदायक होता है।

    Hero Image
    हानिकारक तत्वों को सोखते हैं और कोलन कैंसर के खतरे को कम करते है।

    वाराणसी [मुकेश श्रीवास्‍तव]। बदल रही जीवन शैली व खानपान के कारण तमाम बीमारियां भी बढ़ रही है। कारण कि लोग आरामदायक भोजन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। शहरी लोग तो फास्ट फूड को ही अधिक अपना रहे हैं। यही कारण कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटते जा रही है, जबकि पहले लोग मोटे अनाज खाकर अपने को अधिक चुस्त व दुरुस्त रखते है। खैर, सरकार ने अब मोट अनाज को बढ़वा देने के लिए 2003 को मोटा अनाज वर्ष मनाने की घोषणा की है। ताकि लोग रोगों से दूर हो बेहतर स्वास्थ्य से भरपूर रह सके। मोटे अनाज हमें क्या-क्या पोषक तत्व देते हैं, इस पर विस्तृत जानकारी दे रहे हैं चौकाघाट स्थित आयुर्वेदिक राजकीय कालेज व चिकित्सालय के डा. अजय कुमार गुप्ता।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन मोटे अनाज का गलाईसिमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ये शुगर के रोगियों के लिए फायदेमंद होते है। इन सभी मोटे अनाज में फाइबर बहुत अधिक मात्र में होते है। आहार रेशे यानि फाइबर के बड़े लाभ होते हैं। आहार रेशों में पानी सोखने की प्रवृत्ति होती है और ये फूलने (बल्किंग) वाले एजेंट के रूप में कार्य करता है। जिसकी वजह से कब्ज के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। ये सभी फाइबर में विषाक्त तत्वों को सोखने की क्षमता होती है जिससे ये आंत में पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों को सोख लेते है और कोलन कैंसर के खतरे को कम करते है। साथ ही ये कोलेस्ट्रोल को भी कम करते है इसलिए इसका इस्तेमाल हृदय- रक्तवाहिका तंत्र रोगों में लाभदायक होता है।

    ये हैं मोटे अनाज, शुगर व बीपी में देते हैं राहत : मोटे अनाज में रागी, ज्वार, बाजरा, जौ, मक्का, कोदो आदि आते हैं। इन अनाजों में पोषक तत्वों की भरमार होती है। मोटे अनाज में आवश्यकता के अनुरूप आयरन कैल्शियम मल्टीविटामिन फाइबर जैसे तत्व होते है, जो बढ़ती उम्र वाले बच्चों, ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले कामगारों तथा बूढ़े लोगों के लिए जरूरी है। सभी मोटे अनाज पौष्टिक तत्वों से भरपूर होते हैं। आज भोजन की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण इस अनाज की डिमांड बाजारों में काफी बढ़ गई है। परिणाम यह कि बाजार में मोटे अनाज सुपर फूड के रूप में पहचाने जाते हैं। बाजार में मल्टी ग्रेन आटे की डिमांड का बढ़ना इसका उदाहरण है। ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल व शुगर का लेबल संतुलित बनाए रखने के लिए मोटा अनाज काफी फायदेमंद होता है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, विटामिन, आयरन और प्रोटीन प्रचूर मात्रा में पाया जाता है।

    रागी : भारतीय मूल का उच्च पोषण वाला मोटा अनाज रागी होता है जिसको मड़ुआ भी कहा जाता है। प्रति सौ ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह शुगर के रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। दूसरे किसी भी अनाज में कैल्शियम की इतनी अधिक मात्रा नहीं पाई जाती है। रागी में लौह तत्त्व की मात्रा 3.9मिग्रा/100 ग्राम होती है। पारंपरिक रूप से रागी का इस्तेमाल खिचड़ी जैसे आहार के रूप में किया जाता है। कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूत रखने तथा मांसपेशियों को ताकतवर बनाने में मदद करता है। रागी में लौह तत्व भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो रक्त का मुख्य घटक है।

    बाजरा : बाजरा उत्तर भारत में, विशेषकर ठंड में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें प्रोटीन, लौह तत्व, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट आदि अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। बाजरे के 100 ग्रा. में लगभग 11.6 ग्रा. प्रोटीन, 67.5 ग्रा. कार्बोहाइडेट, 8 मि.ग्रा लौह तत्व और 42 माइक्रोग्राम काल्सियम मौजूद होता है।

    ज्वार : ज्वार मुख्यतः बच्चों के भोजन में इस्तेमाल किया जाने वाला अनाज है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लौह तत्व मुख्य रूप से जाए जाते हैं। यह अनाज पाचन में हल्का होता है। पोषक तत्वों से भरपूर इस अनाज को देहाती भोजन में रोटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 10.4 ग्रा. प्रीटीन, 66.2 ग्रा. कार्बोहाइड्रेट, 25 मिलीग्राम कैल्शियम , 4 मिलीग्राम आयरन होता है तथा फाइबर तत्त्व मौजूद होते हैं।

    जौ : इसमें रेशे, एंटी आक्सीडेंट, मेग्नीशियम अच्छी मात्रा में होता है। इस कारण कब्ज और मोटापे से परेशानी लोगों को जौ का इस्तेमाल करना चाहिए। इसका सेवन दलिया, रोटी और खिचड़ी के रूप में किया जाता है। इसलिए उच्च रक्तचाप वालों के लिए यह लाभदायक होता है। जौ बढ़े हुए कोलेस्टराल को कम करने में भी सहायक होता है।

    कोदो : कोदो भारत का एक प्राचीन अन्न है जिसे ऋषि अन्न माना जाता था। इसके दाने में 8.3 प्रतिशत प्रोटीन, 1.4 प्रतिशत वसा तथा 65.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाई जाती है। इसका ‘ग्लाइसेमिक इंडेक्स’ कम होने के कारण मधुमेह के रोगियों को चावल के स्थान पर उपयोग करने के लिए कहा जाता है।

    मक्का : मक्का में शरीर के पोषण के लिए जरूरी सभी तरह के मिनरल्स होते हैं। मक्का का सेवन करने से हमारी हड्डीयों को मदबूत बनाता है। मक्का एक ऐसा हेल्दी आहार है जिसे आप ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर कर सकते हैं। यह शरीर के कॉलेस्ट्रॉल को कम करने का सबसे असरदार माना जाता है। मक्के में पाए जाने वाले ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और फ्लेवेनॉइड तत्वों पाए जाते है जो कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के खतरे को भी कम करता है। मक्का में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि हमारे शरीर में आयरन की समस्या को दूर करता है । इसका सेवन हमें एनीमिया से बचाव होता है।

    मोटे अनाज का पोषण मान (खाद्य हिस्से का 100 ग्रा)

    अनाज ऊर्जा कैल्शियम लौह
    बाजरा 361 42 8.0
    ज्वार 349 25 4.1
    मक्का 342 10 2.3
    रागी 328 344 3.9

    नोट : ऊर्जा कैलोरी, कैल्शियम व लौह मिलीग्राम में