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    वाराणसी के दीवानी कचहरी में नवनिर्मित नौ मंजिला भवन का इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति ने किया शुभारंभ

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sat, 18 Dec 2021 01:11 PM (IST)

    दीवानी कचहरी में नवनिर्मित 16 न्यायालय कक्षीय नौ मंजिला भवन का दिसंबर को इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल उद्घाटन किया। 2.50 करोड़ की लागत से बने इस नौ मंजिला भवन में 16 अदालतें होंगी जो सभी सुविधाओं से लैस होंगी।

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    नवनिर्मित 16 कक्षीय न्यायालय भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल।

    वाराणसी, जागरण संवाददता। दीवानी कचहरी में नवनिर्मित 16 न्यायालय कक्षीय नौ मंजिला भवन का दिसंबर को इलाहाबाद हाइकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल उद्घाटन किया। इस भवन का शिलान्यास इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति व वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति डा.धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ द्वारा 13 दिसंबर 2014 को किया गया था। 32.50 करोड़ की लागत से बने इस नौ मंजिला भवन में 16 अदालतें होंगी, जो सभी सुविधाओं से लैस होंगी। इस भवन में कार्य प्रारंभ होने से न्यायिक अधिकारियों व अधिवक्ताओं समेत कर्मचारियों व वादकारियों को काफी राहत मिलेगी। उद्घाटन के बाद मुख्य न्यायमूर्ति और वाराणसी के प्रशासनिक न्यायमूर्ति का बार एसोसिएशन की ओर से अभिनंदन किया गया।

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    इस भवन के निर्माण को पूरा करने के लिए ढाई से तीन साल की अवधि तय की गई थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। शिलान्यास होने के समय ही इसे जल्द पूरा करने के लिए बजट भी अवमुक्त कर दिया गया, लेकिन समय बीतने के साथ ही बजट कम पड़ गया और बाद में कुछ तकनीकी कारणों से इस भवन का निर्माण रुक गया। इस दौरान कचहरी स्थानांतरण का मुद्दा तूल पकडऩे लगा था। इस मुद्दे को लेकर अधिवक्ताओं ने विरोध जताते हुए कई दिनों तक प्रर्दशन भी किया था और मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी। अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें कचहरी का स्थानांतरण नहीं होने का आश्वासन दिया था।

    इस भवन के मुख्यद्वार के निर्माण में गतिरोध उत्पन्न होने और कार्यस्थल पर समय से निर्माण सामग्री नहीं पहुंचने के चलते भवन का निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा नहीं हो सका। इसमें अदालती कक्षों के साथ-साथ उनके कार्यालय भी होंगे, जिससे अधिवक्ताओं व वादकारियों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और एक ही जगह सभी सुविधाएं मिल सकेंगी। इस भवन में पांच लिफ्ट लगाए गए हैं। इनमें से तीन लिफ्ट अधिवक्ताओं, वादकारियों और दो लिफ्ट न्यायिक अधिकारी व कर्मचारी के लिए होंगी।