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    WWE Rinku Singh डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में छाया 'वीर महान', भदोही के रिंकू सिंह ने पेशेवर रेसलिंग में मचा रखी है धूम

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 08 May 2022 05:43 PM (IST)

    professional wrestling ग्रेट खली के बाद डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में आजकल एक और भारतीय के नाम की धूम मची है। यह नाम है रिंकू सिंह का जिन्होंने अपने पहले ही मुकाबले के बाद भारत ही नहीं पूरे विश्व को अपना प्रशंसक बना लिया है।

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    रिंकू सिंह का, जिन्होंने पहले ही मुकाबले के बाद भारत ही नहीं पूरे विश्व को अपना प्रशंसक बना लिया है।

    जागरण संवाददाता, भदोही : ग्रेट खली के बाद डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में आजकल एक और भारतीय के नाम की धूम मची है। यह नाम है रिंकू सिंह का, जिन्होंने अपने पहले ही मुकाबले के बाद भारत ही नहीं पूरे विश्व को अपना प्रशंसक बना लिया है। छह फुट चार इंच लंबे और 125 किलो के रिंकू सिंह ने बीते चार अप्रैल को डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में वीर महान के नाम से कदम रखा और पिता-पुत्र की जोड़ी रे मिस्टीरियो और डामिनिक मिस्टीरियो को धूल चटाकर सबको हैरान कर दिया।

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    इस मुकाबले के बाद इंटनरनेट मीडिया पर भी उनकी फैन फालोइंग तेजी से बढ़ रही है। इसकी एक खास वजह रिंकू सिंह का लुक और सबसे अनोखी स्टाइल भी है। माथे पर त्रिपुंड, लंबी दाढ़ी और बाल उन्हें अन्य रेसलर से अलग बनाते हैं। सीने पर बड़े अक्षरों में मां लिखवा रखा है तो बाजू पर लिखा राम का नाम सबका ध्यान खींचता है। गले में रुद्राक्ष की माला, भगवा गमछा और काली धोती पहने रिंकू सिंह दरअसल रिंग में अपने देश की पहचान को लेकर उतरते हैं। वह भगवान शिव के बड़े भक्त हैं।

    एक कमरे के घर में गुजरा बचपन

    रिंकू सिंह की सफलता की इन बुलंदियों के पीछे संघर्ष की लंबी दास्तान है। भदोही के ज्ञानपुर तहसील के होलपुर गांव के रहने वाले 33 वर्षीय रिंकू सिंह के पिता ब्रहमदीन सिंह ट्रक चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। चार भाइयों में सबसे छोटे रिंकू का बचपन एक कमरे के घर में गुजरा। बचपन में वह भाला फेंक (जैवेलिन थ्रोअर) और क्रिकेट खेलते थे। बाद में वह गुरु गोविंद सिंह स्पोट्र्स कालेज, लखनऊ चले गए। भाला फेंक में उन्होंने जूनियर नेशनल में मेडल भी जीता।

    37,000 प्रतियोगियों में जीत से बदली किस्मत

    उनकी किस्मत 2008 में बदल गई जब उन्होंने एक अमेरिकी टेलीविजन शो मिलियन डालर आर्म कांपटिशन जीत लिया। यह शो बेसबाल को तेज फेंकने वाले खिलाडिय़ों का टेलेंट हंट शो था। रिंकू ने इससे पहले कभी बेसबाल नहीं खेली थी। लेकिन मजबूत कंधे और भाला फेंकने के अनुभव का फायदा मिला और 87 मील प्रतिघंटा की गति से बेसबाल फेंककर 37000 प्रतियोगियों में एक लाख डालर की यह प्रतियोगिता जीत ली। उन्होंने पेशेवर बेसबाल लीग में खेलने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया। 2009 में उन्होंने पीट्सबर्ग पाइरेट के लिए खेलना शुरू किया।

    बेसबाल की दुनिया छोड़ बने पेशेवर रेसलर

    2016 में रिंकू पीट्सबर्ग पाइरेट से अलग हो गए और 2018 में दुबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने एक अन्य भारतीय सौरभ गुर्जर के साथ द इंडस शेर के नाम से टीम बनाई। दोनों ने डब्ल्यूडब्ल्यूई एनएक्सटी में हिस्सा लिया। आगे चलकर उनकी टीम में जिंदर महाल भी जुड़े। 2021 में रिंकू टीम से अलग हो गए और स्वतंत्र रेसलर के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूई रा से जुड़ गए। अब उन्होंने अपना नाम वीर महान रख लिया। उनके संघर्षों पर डिज्नी ने 'द मिलियन डालर आर्म' नाम की फिल्म भी बनाई। फिल्म में उनका रोल लाइफ आफ पाई के कलाकार सूरज शर्मा ने निभाया है।