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    Chandraprabha Wildlife Sanctuary : पर्यटकों को ईको टूरिज्म का मिलेगा आनंद, वन्य जीव विहार संग जलप्रपात को किया जा रहा विकसित

    Chandraprabha Wildlife Sanctuary चंदौली में ईको टूरिस्ट सर्किट में ड्राई रन का पूर्वाभ्यास पिछले वर्ष अक्टूबर माह में हुआ था। इसमें टूर गाइड्स आपरेटर्स तथा टूरिज्म का प्रशिक्षण लिए स्टूडेंटों को बड़ी संख्या में शामिल किया गया था।

    By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 26 Aug 2022 06:26 PM (IST)
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    चंदौली में चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार के राजदरी- देवदरी जलप्रपात

    जागरण संवाददाता, चंदौली : कोविड के पहले तक चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार के राजदरी- देवदरी जलप्रपात को देखने विदेशी पर्यटक भी पहुंच रहे थे। धीरे-धीरे पर्यटकों की लिए बहाल सुविधाओं में निरंतर कमी होने के कारण पर्यटकों की संख्या दिन-प्रतिदन घटने लगी। लेकिन ईको टूरिज्म के तहत चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार के राजदरी-देवदरी जलप्रपात को विकसित किया जा रहा है। इसमें पर्यटकों के ठहरने की सुविधा सहित अन्य मनोरंजन के साधनों को संवारने की दिशा में कार्य शुरू है।

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    ऐसे में विदेशियों पर्यटकों के साथ सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी की संभावना प्रबल हो गई है। वाराणसी आने वाले विदेशी पर्यटकों को यहां फिर से लाने के लिए आकर्षित करने की योजना पर भी काम हो रहा है, ताकि राजस्व के साथ लोगों के रोजगार भी मिले।

    यही नहीं ईको टूरिस्ट सर्किट में ड्राई रन का पूर्वाभ्यास पिछले वर्ष अक्टूबर माह में हुआ था। इसमें टूर गाइड्स, आपरेटर्स तथा टूरिज्म का प्रशिक्षण लिए स्टूडेंटों को बड़ी संख्या में शामिल किया गया था। सारनाथ से चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार तक आयोजित ड्राई रन में काशी वन्यजीव प्रभाग के सहयोग से पर्यटन विशेषज्ञों को लगाया गया। विदेशी पर्यटकों को वाराणसी में पहुंचने पर राजदरी-देवदारी जलप्रपात के बाबत आवश्यक जानकारी देने के लिए गाइड किए जाने की तैयारी चल रही है।

    ठहरने का रहेगा उचित प्रबंध

    ईको टूरिज्म के तहत चार करोड़ की लागत से राजदरी जलप्रपात पर एयर कंडीशन डारमेट्री कमरा, आडिटोरियम, इंटरप्रटेशन सेंटर, स्वागत कक्ष, बाथरूम, साइकिल ट्रैक, नेचर ट्रेल, काटेज हाउस का कायाकल्प किया जा रहा है। इसके अलावा वन विश्राम गृह, सीढ़ियों, समरहट व कैंटिन की मरम्मत सहित मुख्य गेट से जलप्रपात तक जाने वाले मार्ग का उच्चीकरण का कार्य किया जा रहा है। 90 फीसद से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। हालांकि यह सुविधाएं पूर्व से यहां हैं, लेकिन इस स्थिति में नहीं की पर्यटक इसका उपयोग कर सकें।

    अपेक्षाकृत कम हुई राजस्व की प्राप्ति

    पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने के कारण जलप्रपात के प्रति पर्यटकों का मोह भंग होता जा रहा है। इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है जिससे राजस्व की प्राप्ति अपेक्षाकृत कम हुई है। आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो इस वर्ष जुलाई माह में जलप्रपात से राजस्व के रूप में 12.50 लाख रुपये प्राप्त हए। अगस्त माह में अब तक 18.46 लाख रुपए प्राप्त हो चुके हैं। जबकि पिछले वर्ष 2021 में जुलाई माह तक 30.28 लाख जबकि अगस्त माह में 28.62 लाख राजस्व की प्राप्ति हुई थी। कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020 में जुलाई व अगस्त माह में जलप्रपात पर पर्यटकों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। इसके चलते राजस्व की प्राप्ति शून्य रही।

    ईको टूरिज्म के तहत राजदरी-देवदरी जलप्रपात का कायाकल्प किया जा रहा है

    ईको टूरिज्म के तहत राजदरी-देवदरी जलप्रपात का कायाकल्प किया जा रहा है। 90 फीसद से अधिक काम हो गया है। इसका हैंडओवर नहीं होने से सुविधाओं का लाभ पर्यटकों को नहीं मिल पा रहा है। विभागीय उच्चाधिकारियों से सहित संस्था को अविलंब कार्य पूरा करने के लिए पत्र लिखा गया है।

    - ब्रजेश पांडेय, वन क्षेत्राधिकारी, चंद्रप्रभा रेंज ( काशी वन्य जीव प्रभाग)