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    सीबीएसई बोर्ड : पहले शिक्षक फिर परीक्षार्थी हल करेगा पर्चा

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    Updated: Sat, 22 Dec 2018 07:03 AM (IST)

    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद ने निर्णय लिया है कि पर्चा बनाने के बाद पहले शिक्षक तीन घंटे में इसे हल करेंगे बाद में बच्चे इसे हल करेंगे। ...और पढ़ें

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    सीबीएसई बोर्ड : पहले शिक्षक फिर परीक्षार्थी हल करेगा पर्चा

    वाराणसी, जेएनएन। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को इतना लंबा पेपर दे दिया जाता है कि ज्यादातर परीक्षार्थी निर्धारित तीन घंटे के भीतर हल नहीं कर पाते हैं। कई परीक्षार्थियों का पांच या दस नंबर के सवाल परीक्षा में छूट जाते हैं। इसे देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) परीक्षण करने के बाद पर्चा बनाने का निर्णय लिया। पर्चा बनाने के बाद पहले शिक्षक तीन घंटे में इसे हल करेंगे। अगर उन्हें लगेगा कि यह पर्चा बच्चे भी तीन घंटे के भीतर हल कर लेंगे। इसके बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा, अब आंकलन करने के बाद ही प्रश्नपत्रों का निर्माण होगा। छावनी स्थित एक होटल में वाराणसी सहोदय स्कूल कॉम्लेक्स के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय प्रिसिंपल कॉन्क्लेब का उद्घाटन करते हुए ये बातें सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा. सान्याम भारद्वाज ने कहीं। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था वर्ष 2020 की परीक्षा से लागू करने की योजना है। इसी प्रकार वर्ष 2020 से स्कूलों में होने वाली प्रायोगिक परीक्षाएं संबंधित केंद्रों पर कराने की तैयारी चल रही है। त्रिस्तरीय होगी मूल्यांकन की व्यवस्था : वर्तमान सत्र के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था होगी ताकि मूल्यांकन में किसी प्रकार की त्रुटि न हो सके। इसके तहत एक परीक्षक को एक दिन में महज 25 कापियां मूल्यांकन करने के लिए दी जाएंगी। साथ ही सभी सेंटरों पर एक हेड परीक्षक, दो कोआर्डिनेटर पर दस-दस पर्यवेक्षक तैनात किए जाएगे। संशोधन के लिए अब नहीं लगानी होगी मुख्यालय की दौड़ : परीक्षा फार्मो में फोटो बदलने, नाम, पिता के नाम सहित अन्य विवरणों में होने वाली त्रुटि के संशोधन के लिए सीबीएसई के नई दिल्ली मुख्यालय की दौड़ नहीं लगानी होगी। संशोधन का अधिकार अब क्षेत्रीय कार्यालयों को दे दिया गया है। भविष्य में स्कूलों को यह अधिकार देने पर विचार किया जा रहा है। 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य : सीबीएसई परीक्षाओं में बैठने के लिए क्लास में 75 फीसद उपस्थिति का कड़ाई से पालन कराने का निर्णय लिया है। विद्यालयों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं, मेडिकल व अन्य मानवीय आधार पर उपस्थिति में प्रधानाचार्यो को पांच फीसद तक की छूट देने का अधिकार दिया गया है।

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