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    डाक पार्सल लिखे कंटेनर से पशुओं की तस्करी, सात कंटेनर व दो ट्रक से 641 मवेशी बरामद

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 03 Oct 2018 08:51 PM (IST)

    पशु तस्करी के खेल में पुलिस की संलिप्तता का खेल उजागर होने के बाद महकमे की किरकिरी होने से सक्रिय हुई मिर्जामुराद पुलिस ने बुधवार की सुबह बड़ी बरामदगी की।

    डाक पार्सल लिखे कंटेनर से पशुओं की तस्करी, सात कंटेनर व दो ट्रक से 641 मवेशी बरामद

    वाराणसी (जेएनएन)। दिल्ली से कोलकाता राजमार्ग पशु तस्करी का रूट बन गया है। पशु तस्करी के खेल में पुलिस की संलिप्तता का खेल उजागर होने के बाद महकमे की किरकिरी होने से सक्रिय हुई मिर्जामुराद पुलिस ने बुधवार की सुबह बड़ी बरामदगी की है। मिर्जामुराद पुलिस ने हाइवे पर खजुरी (कल्लीपुर) के पास घेरेबंदी कर डाक पार्सल लिखे सात कंटेनर व दो ट्रकों के भीतर वध के लिए ले जाए जा रहे 641 मवेशियों (भैस-पड़वा) को बरामद किया है। कंटेनर व ट्रक के चालकों व पशुतस्करों समेत कुल 30 लोग मौके से गिरफ्तार किए गए है। पशुओं को कंटेनर व ट्रकों में इस कदर ठूंसकर रखा गया था कि एक सौ से अधिक पशुओं ने दम तोड़ दिया था। पशु तस्करों से छुड़ाए गए  मवेशियों को खजुरी नटबस्ती के लोगों की सिपुर्दगी में देकर कल्लीपुर स्थित बगीचे में उतरवा कर रखा गया है। गिरफ्तार पशु तस्करों ने बताया कि मवेशियों को बिहार से उन्नाव ले जाया जा रहा था। 

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    रोहनिया और रामनगर से मिल चुका था पास टोकन

    पशु तस्करों का खेल सेट था। वाराणसी के रामनगर व लंका व रोहनिया पुलिस के क्षेत्र से गुजरने का टोकन उन्हें मिल चुका था लेकिन मिर्जामुराद में मामला उलटा पड़ गया। पशु तस्करों के एक गुट की ओर से मिर्जामुराद के सिपाही का लेनदेन का आडियो वायरल कर दिया गया था जिसमें एक सिपाही गिरफ्तार होकर जेल की हवा खा रहा है। सूत्रों की माने तो मिर्जामुराद थाने में ही दो गुट हो गया है। एक गुट ने साथी के पकड़े जाने से क्षुब्ध होकर पशु तस्करों को पकडऩे के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। 

    पुलिस से चकमा देने को कंटेनर का हो रहा प्रयोग

    पुलिस से बचने के चक्कर मे पशुतस्कर डाक पार्सल लिखे कंटेनर का प्रयोग कर रहे है। इससे पहले एंबुलेंस, पेट्रोलियम पदार्थ वाले टैंकर, लग्जरी वाहनों से भी पशु तस्करी का खेल पकड़ा जा चुका है। 

    दो वर्ष बनाम एक दिन

    मिर्जामुराद पुलिस ने बीते दो वर्ष में लगभग तीन सौ पशुओं को वध होने से बचाया था। दो साल में जितने पशु बरामद हुए उससे दो गुना मवेशी एक दिन में ही बरामद हो गए। 

    हाइवे के थाना-चौकी के लिए पशुतस्करी ही कमाई का जरिया

    मिर्जामुराद प्रतिनिधि के अनुसार हाइवे पर स्थित थाना व चौकी के लिए पशुतस्करी ही मोटी कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। इसी के चलते इन थानों पर पोस्टिंग के लिए मारामारी मची रहती है। पशुतस्करी अगर बंद हो जाए तो थाना-चौकी पर पोस्टिंग कराने वालो की पैरवी भी खत्म हो जाए। हाइवे पर ट्रको के गुजरने के अलावा थाना व चौकी क्षेत्र के विभिन्न बस्तियों में भी आजकल पशुतस्करी का धंधा फलफूल रहा है। इतना ही नही सफेदपोश के संरक्षण में विभिन्न लग्जरी वाहन भी इसमें शामिल है।

    कारखास की रहती है सेटिंग

    हाइवे से लगायत हर थाना-चौकी पर एक से अधिक 'कारखास' सिपाही रखे जाते है। इन सिपाहियों के जिम्मे क्षेत्र में होने वाले पशुतस्करी, पेड़ कटाई, अवैध खनन, गांजा-शराब बिक्री से लगायत सभी गैर कानूनी कामों का लेखा-जोखा रहता है।