Camel Smuggling : वाराणसी पुलिस की सुरक्षा में ऊंट की मौत, पशु चिकित्सकों की टीम ने किया पोस्टमार्टम
Camel Smuggling 27 जून- गौ ज्ञान फाउंडेशन की स्वयंसेविका आर लता के सहयोग से पुलिस ने एक डीसीएम में क्रूरता से लादकर ले जाए जा रहे 16 ऊंटों को बरामद किया। इनमें से एक मादा ऊंट की रविवार को मौत हो गई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। पशु तस्करों से मुक्त कराए गए 16 ऊंट में से एक पांच साल की मादा ऊंट की रविवार को मौत हो गई। ऊंट पिछले दो दिनों से बीमार था। चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम डा.आर. एन. सिंह, डा. अजय सिंह व डा. आशीष सिंह ने मृत ऊंट का पोस्टमार्टम किया और उसके शव को जमीन में दफना दिया गया।
ऊंटों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने में अहम भूमिका निभाने वाले गौ-ज्ञान फाउंडेशन के सदस्यों की माने तो वातावरण अनुकूल न होने के कारण बीमारी की वजह से एक ऊंट की मौत हो गई।
बताते चलें कि बीते 27 जून को एक डीसीएम ट्रक में ऊंट ठूस कर पश्चिम बंगाल ले जाया जा रहा था। गौ-ज्ञान फाउंडेशन की सूचना पर पुलिस ने नेशनल हाईवे पर घेराबंदी कर मालवाहक से 16 ऊंट मुक्त करा कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने गौ ज्ञान फाउंडेशन की देखरेख में ऊंटों को रखा गया था और भगवान दास को जिम्मेदारी दी गई।
गौ ज्ञान फाउंडेशन की ओर से वकील सौरभ तिवारी व अंकुर शर्मा ने ऊंटों की अभिरक्षा के लिए स्थानीय अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था और ऊंटों को राजस्थान के सिरोही भेजनी की मांग की गई। जिलाधिकारी ने एक पत्र जारी किया जिसमें बताया कि ऊंटों को भेजने के लिए कोई बजट नहीं है। संस्था इसका इतंजाम खुद करें। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को सहयोग करने का निर्देश दिया था।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि एक ऊंट की मौत हो गई है। कहा कि पुलिस कमिशनरेट थाना रामनगर अंतर्गत मुकदमा संख्या 114/2022 पशु क्रूरता अधिनियम में पुलिस द्वारा पकड़े गए 16 ऊंट की कस्टडी रामनगर थाना से गौ ज्ञान फाउंडेशन को देने हेतु एसीजीएम 1 न्यायालय द्वारा आदेश 7 जुलाई को जारी किया गया था। इस माल मुकदमा सम्पति की कस्टडी तभी से गौ ज्ञान फाउंडेशन के पास है। उनके द्वारा इनकी देखरेख की जा रही है।
कुछ ऊंटों के पैरों में रस्सी के निशान से जख्म थे
कुछ ऊंटों के पैरों में रस्सी के निशान से जख्म थे जिनकी चिकित्सा करने हेतु पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों की भी ड्यूटी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा लगाई गई थी। ऊंटों के उपचार में फाउंडेशन और पुलिस की मदद से चिकित्सक कर रहे थे।
आज उन में से एक ऊंट की मृत्यु की जानकारी प्राप्त होने पर मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को ऊंट का पोस्टमार्टम पैनल के द्वारा कराने और कोई लापरवाही फाउंडेशन या पशु चिकित्सक के स्तर पर हुई है तो उसकी रिपोर्ट कल तक देने हेतु निर्देशित किया गया है। उनको स्वयं भी मौके पर भेजा गया है। एक और ऊंट के नेगेटिव एनर्जी बैलेंस पाया गया है जिस पर उसको इलेक्ट्रो लाइट चढ़ाया जा रहा है।
राजस्थान शिफ्ट करने के आदेश किये गए थे
इस प्रकरण में दिनांक 7 जुलाई को न्यायालय द्वारा गौ ज्ञान फाउंडेशन को ये ऊंट कस्टडी में ले कर राजस्थान शिफ्ट करने के आदेश किये गए थे। जिसके क्रम में एआरटीओ को वाहन, सीवीओ को रास्ते का चारा, संस्था को वाहन किराया अरेंज करने के आदेश किये गए थे।
संस्था ने आज तक इसका कोई जवाब नहीं दिया और फिर सीधे कोर्ट में प्रस्तुत हो गई। फाउंडेशन द्वारा आदेश का अनुपालन ना करने के कारण ज़िला प्रशासन ने एसीजीएम कोर्ट के आदेश का रीविजन वरिष्ठ न्यायालय में दायर कर रखा है। जिस पर वरिष्ठ न्यायालय में सुनवाई होनी है। उंसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
वाराणसी में 27 जून से अब तक ऊंटाें का सफर
-27 जून- गौ ज्ञान फाउंडेशन की स्वयंसेविका आर लता के सहयोग से पुलिस ने एक डीसीएम में क्रूरता से लादकर ले जाए जा रहे 16 ऊंटों को बरामद किया।
-28 जून-पुलिस ने ऊंटों को हाइवे किनारे खुले आसमान के नीचे एक अहाते में रखा दिया। उनके खाने-पीने का इंतजाम करने लगी।
-1 जुलाई- गौ ज्ञान फाउंडेशन की ओर से वकील सौरभ तिवारी व अंकुर शर्मा ने ऊटों की अभिरक्षा के लिए स्थानीय अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। (प्रार्थना पत्र में ऊटों को राजस्थान के सिरोही भेजनी की मांग की गई)
-5 जुलाई को ऊटों की अभिरक्षा के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र पर जल्द सुनवाई के लिए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया
-8 जुलाई को एसीजेएम की अदालत ने ऊटों की अभिरक्षा गौ ज्ञान फाउंडेशन को देते हुए ऊटों को राजस्थान के सिरोही में मौजूद संस्था पिपुल फार एनिमल केयर सेंटर और हास्पिटल में भेजने का आदेश दिया।
- ऊटों को रामनगर से राजस्थान भेजने के लिए जिलाधिकारी को पर्याप्त इंतजाम करने का आदेश दिया।
-10 जुलाई को गौ ज्ञान संस्था ने जिलाधिकारी से ऊटों को भेजने के लिए इंतजाम करने का आग्रह किया। इस बाबत एक पत्र भी ईमेल के जरिए भेजा।
-13 जुलाई को जिलाधिकारी ने एक पत्र जारी किया जिसमें बताया कि ऊटों को भेजने के लिए कोई बजट नहीं है। संस्था इसका इतंजाम खुद करे मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी व सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी को सहयोग करने का निर्देश दिया।
-15 जुलाई को गौ ज्ञान फाउंडेशन के वकील सौरभ तिवारी ने अदालत के आदेश के अनुपालन न करने के मामले में जिलाधिकारी वाराणसी के खिलाफ अवमानना के लिए प्रार्थना पत्र एसीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया।
पीपल्स फार एनीमल केयर सेंटर गो ज्ञान फाउंडेशन की ओर से एक केयर टेकर भगवान दास को रखा गया है।खाने में भूसा,कैटलफिड ,चूनी आदि दिया जा रहा है। मादा ऊंट की मौत हुई हैं। लगभग सात साल उम्र है। दो दिन से बीमार थी। पशु चिकित्सक दवा इलाज कर रहे थे। सात बोतल ग्लूकोज चढ़ाने के बाद भी ऊंट को बचा नहीं पाया गया। सबसे ज्यादा परेशानी जगह की हो रही है।

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