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    श्रीलंका में 'श्री सिद्धार्थ गौतम' की शूटिंग के दौरान बुद्ध से प्रेरित होकर अभिनेता गगन मलिक बन गए बौद्ध भिक्षु

    श्रीलंका में भगवान बुद्ध की शूटिंग के दौरान अभिनेता कुछ इस कदर प्रेरित हो गए कि अपना नाम उन्‍होंने अशोक रख दिया और भिक्षु बनने के बाद बौद्ध धर्म के वह प्रचारक बनकर 84 हजार बुद्ध मूर्तियों की स्‍थापना का संकल्‍प लिया है।

    By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 01 Apr 2022 12:33 PM (IST)
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    भगवान बुद्ध से प्रेरित होकर अभिनेता गगन मलिक बौद्ध भिक्षु बन गए।

    वाराणसी [केके अस्‍थाना]। फ‍िल्‍म अभिनेताओं का किरदारों से लगाव होना कोई नया नहीं है। मगर, लंबे समय तक फ‍िल्‍म के किरदार में डूब कर स्‍टोरी का अध्‍ययन करने के दौरान भगवान बुद्ध से प्रेरित कुछ इस कदर हो गए कि इस फ‍िल्‍म के बाद उन्‍होंने बौद्ध धर्म में दीक्षा लेने का संकल्‍प ही ले लिया। इसके बाद वह अभिनेता से बौद्ध धर्म में दीक्षित हो गए और अपना नाम गगन मलिक से अशोक कर लिया। शुक्रवार को अभिनेता से बौद्ध भिक्षु बने 'अशोक' ने सारनाथ पहुंचकर आध्‍यात्मिक और धार्मिक परंपराओं का पालन किया और पूजन अर्चन कर भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली आकर काफी भावुक भी नजर आए। 

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    गगन मलिक रामायण में राम और संकटमोचन धारावाहिक में महाबली हनुमान की भूमिका निभा चुके हैं। धार्मिक किरदारों का गहन अध्‍ययन करने के बाद गगन मलिक से भिक्षु अशोक बने तो शांति की तलाश में अलग अलग स्‍थानों का भ्रमण कर भगवान बुद्ध के शांति का संदेश भी पहुंचा रहे हैं। बोधगया और कुशी नगर के बाद वह सारनाथ आए तो बौद्ध परंपराओं के अनुरूप उन्‍होंने सारनाथ में आध्‍यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों में भी हिस्‍सा लिया।   

    फ‍िल्‍म अभिनेता गगन मलिक ने 2014 में श्रीलंका में बनी श्री सिद्धार्थ गौतम फ‍िल्‍म में सिद्धार्थ का किरदार निभाया था। उसके रिहर्सल के दौरान बौद्ध धर्म का अध्‍ययन किया था। कहानी से प्रभावित होकर उन्‍होंने बौद्ध धर्म की दीक्षा थाईलैंड के वट थाट थांग मंदिर प्रभारी भिक्षु फ्रा राजा ओराय नामा से दीक्षा ली। दीक्षा के बाद थाईलैंड में ही रहने लगे। भारत में आकर बौद्धगया में बुद्ध को नमन करने के बाद कुशीनगर होते शुक्रवार को सारनाथ पहुंचे थे। जहां पुरातात्विक खंडहर परिसर में धमेख स्‍तूप के समक्ष पूजा अर्चना कर परिक्रमा की।

    इस दौरान उनके साथ भिक्षु प्रियदर्शी, संजय मौर्या, भिक्षु मेत्रानंद सहित कई लोग मौजूद रहे। बातचीत के दौरान जागरण को बताया कि भगवान बुद्ध के विचारों को आत्‍मसात करने से ही शांति मिलती है। इनके करुणा मैत्री के संदेश को विश्‍व तक पहुंचाना है। इसी उद्देश्‍य को लेकर हमने भी चौरासी हजार भगवान बुद्ध की मूर्तियों को बुद्धिस्‍ट देशों के बौद्ध विहारों में दान करने का संकल्‍प लिया है। सम्राट अशोक ने 84 स्‍तूप बनवाए तो मेरा भी संकल्‍प है कि 84 हजार बुद्ध की मूर्तियों को स्‍थापित करने का संकल्‍प है।