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    यूपी में बिजली विभाग का बड़ा एक्शन, 12 इंजीनियरों को किया गया निलंबित; 80 को कारण बताओ नोटिस

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 03:54 PM (IST)

    यूपी के बिजली विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है और 80 को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। दिसंबर माह में खराब प्रदर्शन करने वाले 165 कार्मिकों पर यह कार्रवाई की गई है। इसमें 12 एसडीओ भी शामिल हैं। डिस्काम के मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार 40 अभियंताओं को नोटिस के साथ 12 अभियंताओं को निलंबित भी किया गया है।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल डिस्काम के ओटीएस में दिसंबर माह में खराब प्रदर्शन करने वाले 165 कार्मिकों पर कार्रवाई हुई। इसमें 12 अभियंताओं को निलंबित किया गया है, वहीं 40 को चेतावनी पत्र दिए गए हैं। इसमें 12 एसडीओ शामिल हैं। 80 अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

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    डिस्काम के मुख्यालय से पत्र के माध्यम से जारी आदेश के मुताबिक 40 अभियंताओं को नोटिस के साथ 12 अभियंताओं को निलंबित भी किया गया है, जो 12 अभियंता निलंबित किए गए हैं। उनमें तीन एक्सईएन, दो एसडीओ, छह जेई और एक कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा एक अधीक्षण अभियंता भी निलंबन के दायरे में आ गया है।

    15 दिन का दिया गया समय

    सूत्रों के मुताबिक इनमें सबसे अधिक निलंबित एक्सईएन हैं। उन्हें निलंबन और संबंधित अन्य प्रक्रिया पूरी करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसके अलावा 40 अभियंताओं को चेतावनी पत्र दिए गए हैं। इसमें 10 एक्सईएन, 12 एसडीओ और 17 जेई शामिल हैं। इन कार्मिकों को चेतावनी और संबंधित प्रक्रिया पूरी करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया है।

    वहीं, 80 को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं जिसमें 40 एक्सईएन, दो एसडीओ, चार जेई और 20 एसई शामिल हैं। उन्हें एक सप्ताह के अंदर कारण बताने का समय दिया गया है। मुख्य कार्मिक नियुक्ति अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कार्मिकों की प्रदर्शन में सुधार के लिए डिस्काम प्रबंधन ने सख्त कदम उठाए हैं। डिस्काम के एमडी ने चेतावनी दी है कि यदि यहां के कामकाज में सुधार नहीं होता है, तो फिर से कार्रवाई होगी।

    निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने काली पट्टी बांध किया काम

    वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने सोमवार को रसूलाबाद कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इसके साथ ही काली पट्टी बांध कार्यालय में कार्य किया।

    राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ दक्षिणांचल के अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग का निजीकरण करना कर्मचारी के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए भी उचित नहीं है। इससे उपभोक्ताओं का शोषण होगा, जिसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

    सरकार बिजली विभाग के निजीकरण का फैसला वापस ले। निजीकरण के विरोध में रसूलाबाद स्थित कार्यालय में कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। इसके साथ ही काली पट्टी बांधकर कार्य किया। इस मौके पर आशुतोष शुक्ला, मनीष, आनंद, प्रदीप, विरेंद्र, मुकेश, प्रज्ञा सिंह, विपिन सहित अन्य कर्मी मौजूद रहे।

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