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    वैदिक योग विज्ञान में स्नातक व परास्नातक कोर्स शुरू करेगा बीएचयू

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 10 Feb 2022 01:47 AM (IST)

    काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अब वैदिक योग विज्ञान की भी पढ़ाई होगी। इस विषय में विश्वविद्यालय से स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

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    वैदिक योग विज्ञान में स्नातक व परास्नातक कोर्स शुरू करेगा बीएचयू

    शैलेश अस्थाना, वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में अब वैदिक योग विज्ञान की भी पढ़ाई होगी। इस विषय में विश्वविद्यालय से स्नातक व परास्नातक के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके साथ ही तीन वैदिक विषयों में स्नातकोत्तर डिप्लोमा तथा तीन में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे ताकि नई पीढ़ी अपनी प्राचीन वैदिक ज्ञान परंपरा से नि:सृत ज्ञान को आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुसार ढालकर भारतीय मनीषा की ज्ञान परंपरा व सास्कृतिक विरासत का प्रसार पूरे विश्व में कर सके।

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    केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि प्रस्तावित स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रमों की पाठ्यवस्तु तैयार कर ली गई है। विश्वविद्यालय परिषद से उसकी संस्तुति होने के बाद उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पास संस्तुति के लिए भेज दिया गया है। वहा से पारित होते ही अगले सत्र से इन पाठ्यक्रमों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

    क्या है वैदिक योग विज्ञान

    केंद्र के सहायक कुलसचिव पवन कुमार मिश्र बताते हैं कि वैदिक योग विज्ञान वेदों में उद्धृत योग पद्धतियों और प्राणायाम अभ्यास का संकलित अध्ययन है, इसके साथ ही पूरे शरीर क्रिया विज्ञान पर पड़ने वाले प्रभावों के साथ योग-सिद्धियों का भी वर्णन है। पतंजलि योग, अष्टाग योग आदि इसके अंतर्गत आते हैं। आधुनिक समय में चल रहे योग के पाठ्यक्रम में आसनों और व्यायाम का प्रभाव अधिक है, यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बनाया गया है जबकि वैदिक योग शारीरिक के साथ ही आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए है।

    रोजगार के साधन भी बनेंगे डिप्लोमा कोर्स

    वैदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विज्ञान (स्नातकोत्तर डिप्लोमा) : वैदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में शोध भी कर सकते हैं। प्रशिक्षक व प्राकृतिक चिकित्सक के रूप में कैरियर बना सकते हैं।

    वैदिक चित्त विज्ञान (स्नातकोत्तर डिप्लोमा) : चित्त की प्रवृत्तियों, संज्ञानात्मक विज्ञान को वैदिक आधार पर अध्ययन, वेदोक्त मंत्रोच्चारण के 11 तरीकों का मन, चेतना व शरीर पर प्रभाव का अध्ययन, मापन तथा मनोचिकित्सा के क्षेत्र में जनोपयोगी बनाने का ज्ञान।

    वैदिक ध्वनि विज्ञान (स्नातकोत्तर डिप्लोमा) : ध्वनि ऊर्जा आधारित विज्ञान, ध्वनि विज्ञान में शोध के मार्ग खोलने हेतु। इसमें वाक् तंत्र के दोषों को दूर कर ध्वनि और उच्चारण का उपचार भी।

    वैदिक संगणक भाषा विज्ञान में डिप्लोमा : वैदिक भाषा, वैदिक मंत्रों व पाणिनी के व्याकरण के सूत्रों के आधार पर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग बनाने का शोधपूर्ण प्रशिक्षण।

    वैदिक वास्तुशास्त्र में डिप्लोमा : वैदिक वास्तुशास्त्र के अध्ययन के माध्यम से शास्त्रीय विधानों से भवन निर्माण की दक्षता हेतु।

    वैदिक प्रबंधशास्त्र में डिप्लोमा : वेदों में आधारित प्रबंधन के सूत्रों के अनुसार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के स्तंभों पर प्रबंधन की शिक्षा।

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