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    BHU News: मधुवन लान में ही धरना दे सकेंगे छात्र, एक स्थान पर बनी सहमति

    Updated: Wed, 21 May 2025 04:07 PM (IST)

    बीएचयू परिसर में अब धरना-प्रदर्शनों के लिए मधुवन लॉन को निश्चित किया गया है। कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों और कर्मचारियों को छात्रों के साथ बेहतर व्यवहार करने का निर्देश दिया गया। पीएचडी प्रवेश में गड़बड़ी के कारण हुई अव्यवस्था के बाद यूजी और पीजी प्रवेश से पहले समस्याओं को सुलझाने पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षकों ने प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की है।

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    बीएचयू के संकाय व विभाग प्रमुखों की बैठक में बनी सहमति, छाये कई मुद्दे

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू परिसर में आए दिन हो रहे धरना-प्रदर्शनों पर लगाम लगाने की तैयारी है। विवि प्रशासन का तर्क है कि विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर कहीं भी धरने पर नहीं बैठें, उनके लिए कोई एक स्थल निर्धारित किया जाना चाहिए। जगह तय होने के कारण व्यवस्था नहीं बिगड़ेगी। कैंपस के मधुवन लान में ही धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी, इस व्यवस्था पर सहमति बनी है।

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    कार्यवाहक कुलपति व रेक्टर प्राे. संजय कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को सेंट्रल आफिस में आयोजित संकायों के निदेशकों, डीन और विभागाध्यक्षों की बैठक में कुछ ऐसे ही मुद्दे उठे। कई प्रकरण सुलझाने का प्रयास किया गया। विभागों को निर्देश जारी हुआ कि शिक्षक और कर्मचारी विद्यार्थियों के साथ व्यवहार में सुधार लाएं। उनकी छोटी समस्याओं को तुरंत निराकरण करने का प्रयास होना चाहिए।

    ऐसा नहीं होने के कारण ही मामला बड़ा हो जाता है और व्यापक धरना-प्रदर्शन होता है। पिछले दिनों पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के दौरान इसकी झलक दिखी भी। प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छात्रों के अलग-अलग गुट कुलपति आवास, परीक्षा नियंता कार्यालय और सेंट्रल आफिस में धरने पर बैठ गए थे, इसके कारण व्यवस्था बिगड़ गई।

    राष्ट्रीय स्तर पर विवि की छवि धूमिल हुई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। ऐसी स्थिति से बचने की कोशिश की जानी है। चूंकि यूजी और पीजी की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने वाली है, इसलिए विभाग और संकाय स्तर पर समस्याएं निस्तारित करने पर जोर दिया जाना चाहिए।

    हालांकि, बैठक के दौरान शिक्षकों ने अवगत कराया कि कई बार वह बेबस हो जाते हैं। उनकी नहीं सुनी जाती है, ऐसे में मुद्दा बड़ा हो जाता है। विवि प्रशासन को भी समस्याओं के निराकरण के लिए ध्यान देना होगा।