बीएचयू में सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन शुरू, तीन मेगावाट फिलहाल बिजली का किया जा रहा है उत्पादन
बीएचयू ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक कदम और बढ़ा दिया है। अब वहां सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन होने लगा जिसे ग्रिड से भी जोड़ दिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक कदम और बढ़ा दिया है। अब वहां सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन होने लगा जिसे ग्रिड से भी जोड़ दिया गया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाद बनारस ङ्क्षहदू यूनिवर्सिटी दूसरा शिक्षा परिसर हो गया है। शुरुआत तीन मेगावाट बिजली उत्पादन से की गई है। उम्मीद है एक माह के भीतर यह आंकड़ा आठ मेगावाट तक पहुंच जाएगा। वाराणसी से पेश है मुकेश चंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट...।
बिजली बिल का खर्च बचेगा
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया को सौर ऊर्जा से रोशन करने की कवायद 2015 से ही शुरू हो गई थी। हालांकि बीच में कुछ कमियों के कारण व्यवधान भी हुआ। इससे कार्य में देरी होती गई। हालांकि पहले से हरियाली से सुसज्जित इस बगिया को सौर ऊर्जा की रोशनी से चार चांद लग रही है। इससे जहां बीएचयू की सरकारी बिजली पर निर्भरता कम होगी वहीं बिजली बिलों का खर्च भी बचेगा।
37 करोड़ से हो रहा कायाकल्प
भारत कला भवन, कला संकाय, वनस्पति, जंतु विज्ञान विभाग, कंप्यूटर सेंटर के साथ ही ब्रोचा हास्टल की भी बिजली आपूर्ति सौर ऊर्जा से जुड़ गई है। यह कार्य सोलर एनर्जी कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (सेकी) के तहत करीब 37 करोड़ रुपये से चल रहा है। क्लोराइड पावर एंड साल्यूशन लिमिटेड इस काम को अंजाम दे रही है। वैसे तो जुलाई तक इस कार्य को पूरा करने का दावा किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था।
सोलर पैनल से भी हो रही आपूर्ति
बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि इससे पहले सोलर पैनल से बीएचयू में आइएमएस, सर सुंदरलाल चिकित्सालय, विज्ञान संकाय, भारत कला भवन, मैनेजमेंट स्टडीज, ट्रामा सेंटर आदि भवनों में बैट्री बैकअप के माध्यम से आपूर्ति चल रही है। अब इसको सीधे उपकेंद्रों से जोड़ दिया गया है। माह या साल के अंत में मुख्य बिजली आपूर्ति से सौर ऊर्जा के उत्पादन को घटाकर बिल में समायोजित कर दिया जाएगा।
बढ़ेगा बिजली का लोड
शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स, वैदिक विज्ञान केंद्र, मनोचिकित्सा विभाग का नया भवन, बनाए जा रहे अलग-अलग 80 फ्लैट्स, 200 फ्लैट्स, 240 फ्लैट्स, दृश्य कला संकाय का हास्टल, इंटरनेशनल हास्टल, एसी, लिफ्ट, लैब आदि जुडऩे से लोड बढ़ जाएगा।
बोले अधिकारी : तीन मेगावाट सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन शुरू हुआ है। इसे सीधे ग्रिड से जोड़ दिया गया है। एक माह के अंदर यहां पर आठ मेगावाट उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे बिजली खर्च में कमी आएगी।
-रूपेश श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता, विद्युत व जल आपूर्ति, बीएचयू।
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