काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से बाहरी छात्र भी कर सकेंगे सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अब बाहरी छात्र भी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे क्योंकि विश्वविद्यालय ने सीटों के खाली रहने की समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। अकादमिक परिषद की बैठक में धर्मशास्त्र और मीमांसा के आचार्य कोर्स की योग्यता में बदलाव किया गया है। विदेशी छात्रों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी।

जागरण संवाददाता, वारााणसी। अब बाहरी छात्र भी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बाहरी छात्र भी सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे। काफी सीटों के खाली रह जाने के कारण विश्वविद्यालय में शनिवार की दोपहर बाद से देर शाम तक चली अकादमिक परिषद की पहली मैराथन बैठक मेंं काउंसिल सदस्यों ने पिछले वर्ष लिए गए फैसले को पलट दिया।
यही नहीं धर्मशास्त्र और मीमांसा से आचार्य कोर्स की योग्यता में बदलाव कर दिया गया तो विदेशी छात्र और छात्राओं के लिए भी 25 फीसदी सुपर न्यूमेरी सीट आरक्षित रखने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय से लेकर संबद्ध कालेजों तक में अनेक नए पाठ्यक्रमाें सहित विश्वविद्यालय के विकास के लिए फंड अनुदान के अनेक प्रस्तावों पर परिषद ने निर्णय लेते हुए अपनी मुहर लगाई।
अगले महीने जारी होने वाले डिप्लोमा एडमिशन बुलेटिन में पाठ्यक्रम में प्रवेश के नए नियमों को ही प्रकाशित किया जाएगा। अकादमिक परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार अब ‘एमटेक इन फूड टेक्नोलाजी’’ कोर्स का नाम ‘ एमटेक इन फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलाजी’ होगा।
इसी तरह ‘सामाजिक समावेशन केंद्र का नाम बदलकर ‘सामाजिक समावेशन अध्ययन केंद्र’ कर दिया गया है। वसंता कालेज फार वुमन के मूल्य संवर्धित पाठ्यक्रम को अब ‘कृष्णमूर्ति अध्ययन’ की बजाय ‘जे. कृष्णमूर्ति का शैक्षिक दृष्टिकोण’ के नाम से जाना जाएगा। परिषद ने कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि संकाय के लिए तीन वर्ष की अवधि के लिए बाहरी विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति पर भी मुहर लगा दी।
सत्र 2025-26 के लिए आइओई इंस्टीट्यूट आफ एमिनेंस के अंतर्गत तीन आदेशों पर मुहर लगाई गई। एसआर रंगनाथन इंटर्नशिप, पीएचडी छात्रों को डाक्टरेट टीचिंग फेलो और प्रोफेसरों के लिए अनुसंधान मेंटरशिप अवसर दिलाने के लिए फंड का इंतजाम किया गया है।
विज्ञान संस्थान के जेनेटिक डिसआर्डर सेंटर में, कला संकाय के ओडिया पीठ और मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में एक एडहाक अध्ययन बोर्ड का गठन किया गया। एमडी और एमएस कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा। संगीत एवं मंच कला संकाय के नृत्य विभाग के संशोधित बहुविषयक पाठ्यक्रम पर मुहर लगाई गई।
विज्ञान संस्थान के आण्विक एवं मानवीय आनुवंशिकी विभाग के एमएससी के पाठ्यक्र में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। बीते छह वर्ष 2019, 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 की पीएचडी बुलेटिन को भी अनुमोदन किया गया। बायोइन्फार्मेटिक्स के एमएससी के कोर्स को और संवर्धित किया गया।
यूएसीबी लाई थी नियम बदलने का प्रस्ताव बीते 29 जुलाई को विश्वविद्यालय प्रवेश समन्वय बोर्ड (यूएसीबी) की बैठक हुई थी। इसमें डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में सीटों के खाली रह जाने की बात उठी थी। तभी प्रस्ताव रखा गया कि पिछले वर्ष जो नियम बदलकर बाहरी छात्राें के इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश को बंद कर दिया गया है, उसे खत्म किया जाय। अकादमिक परिषद ने यूएसीबी के इस पर मुहर लगा दिया। - प्रो. अजित चतुर्वेदी, कुलपति, बीएचयू।
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