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    बीएचयू के आइएमएस को देश के मेडिकल कालेज में दूसरा स्थान, ओपीडी में प्रतिदिन मरीज आते हैं करीब सात हजार

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Tue, 03 Aug 2021 07:13 PM (IST)

    पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय को एक सर्वे में देश का दूसरा मेडिकल कालेज बताया गया है। वहीं पहले स् ...और पढ़ें

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    आइएमएस बीएचयू को देश के दूसरे मेडिकल की सूची में स्थान मिलने पर हर्ष है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय को एक सर्वे में देश का दूसरा मेडिकल कालेज बताया गया है। वहीं पहले स्थान पर नई दिल्ली स्थिति एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को रखा गया है।

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    आइएमएस बीएचयू को देश के दूसरे मेडिकल की सूची में स्थान मिलने पर हर्ष है। इसके लिए संस्थान के निदेशक प्रो. बीआर मित्तल ने सभी चिकित्सकों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को बधाई दी है। वहीं डीन आफ रीसर्च प्रो. अशोक कुमार ने बताया कि इस उपलब्धि से यहां के चिकित्सकों एवं विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ा है। सभी से अपील की है कि निरंतर बेहतर कार्य प्रणाली से और ज्यादा श्रेष्ठ प्रदर्शन की संभावना है।

    मालूम हो कि पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले आइएमएस के सर सुंदरलाल अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर में पूर्वांचल के साथ ही बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तसीगढ़ सहित अन्य राज्यों के भी मरीज आते हैं। सामान्य दिनों में यहां की ओपीडी में प्रतिदिन करीब सात हजार मरीज आते हैं। एक हजार से अधिक मरीजों का आपरेशन भी होता है। हालांकि कोरोना काल में इसकी संख्या काफी कम हो गई है। वहीं नए निदेशक के आने से तमाम नए विभाग खुलने की भी संभावना बढ़ी है। इसमें इमरजेंसी मेडिसिन विभाग भी शामिल है। साथ ही न्यूक्लियर मेडिसिन यूनिट को भी फिर से शुरू करने की कवायद की गई है। कारण कि प्रो. मित्तल भी इस विषय के पीजीआइ, चंडीगढ़ में विशेषज्ञ है।

    भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग : वैश्विक विश्वविद्यालयों की रैंकिंग करने वाली सेंटर फॉर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (सीडब्ल्यूयूआर) में बीएचयू को 856वीं रैंक मिली है। यह एकमात्र एकेडमिक रैंकिंग प्रकाशित करने वाली संस्था है, जो सर्वेक्षण और विश्वविद्यालय डेटा सबमिशन पर भरोसा किए बिना ,शिक्षा की गुणवत्ता, पूर्व छात्रों के रोजगार, संकाय की गुणवत्ता और अनुसंधान प्रदर्शन का आकलन करती है। इस विश्व रैंकिंग में 19788 संस्थानों में से केवल 2000 संस्थानों को ही रैंकिंग प्रदान की गई है।