BHU इतिहास विभाग की लाइब्रेरी अब जानी जाएगी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के नाम से, 93वें शहादत दिवस पर विचार गोष्ठी
वाराणसीबीएचयू के किसी विभाग ने पहली बार महान क्रांतिकारी व बीएचयू के पूर्व छात्र राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की पुण्यतिथि मनाई। छात्रों के अनुरोध पर छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह के नेतृत्व में अमर शहीद लाहिड़ी के 93वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के किसी विभाग ने पहली बार महान क्रांतिकारी व बीएचयू के पूर्व छात्र राजेंद्र नाथ लाहिड़ी की पुण्यतिथि मनाई। छात्रों के अनुरोध पर छात्र अधिष्ठाता कार्यालय व छात्र अधिष्ठाता प्रो. एमके सिंह के नेतृत्व में अमर शहीद लाहिड़ी के 93वें शहादत दिवस पर छात्र संघ भवन में श्रद्धांजलि सभा व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस दौरान बीएचयू के इतिहास विभाग में मौजूद लाइब्रेरी का नाम राजेंद्र लाहिड़ी पुस्तकालय रखने का निर्णय लिया गया। इसकी घोषणा इतिहास की प्रोफेसर अनुराधा सिंह ने कार्यक्रम स्थल पर की। उन्होंने कहा कि राजेंद्र लाहिड़ी अपने शहादत के समय बीएचयू में इतिहास से एम ए कर रहे थे। इससे पहले लाहिड़ी व चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए विजय नारायण ने विषय की प्रस्तावना रखी व बनारस में चल रहे लाहिड़ी मुहिम पर लोगों को जानकारियां दी।
साहित्यकार अफलातून ने कहा कि फांसी वाले दिन राजेंद्र जी जब जेल में कठिन व्यायाम कर रहे थे, तो जेलर ने उनसे पूछा कि अब तुम्हे मरना है, ऐसे में इस अभ्यास का क्या अर्थ। उन्होंने कहा मैं सच्चा हिंदू हूं। अगले जन्म में देश के लिए फिर से न्यौछावर होने की इच्छा है। कलाविद अमिताभ भट्टाचार्य ने रवींद्रनाथ टैगोर के प्रसिद्ध पंक्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि अतीत विहीन वर्तमान का कोई भविष्य नहीं होता। आप लोग विशिष्ट हैं, जो अपने पूर्वजों को याद कर रहे हैं। राजेंद्र लाहिड़ी ने काशी के वैचारिक व आजादी के संघर्ष को धार दिया है। उनकी स्मृति राष्ट्र की सेवा की प्रेरणा देती है। जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के पूर्व कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में काशी व बीएचयू ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन हमें इस बात मलाल है कि अब तक हमने राजेंद्र लाहिड़ी को कभी याद नहीं किया। प्रो. शशिधर ने कहा कि धर्म के ऐसे उपयोग से ही समाज सुदृढ़ होता है।
आज देश के सामने जो चुनौतियां हैं, वह स्वतंत्रता संग्राम के राजेंद्र लाहिड़ी समेत सभी नायकों के प्रेरणाओं से हल की जा सकती है। कार्यक्रम के सफल संचालन में डा. विकास सिंह व धन्यवाद तबस्सुम गयास ने किया। इस दौरान डा. अवधेश सिंह, चंचल दा, संजीव सिंह, जय नारायन, डा. शार्दुल, धनंजय, पूर्व छात्र दीपक सिंह, राजेंद्र चौधरी समेत सैकड़ो छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
बंगाली टोला कालेज में भी दी गई श्रद्धांजलि
बंगाली टोला इंटर कालेज में भी अमर शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को श्रद्धांजलि अॢपत की गई। संस्था के सहसचिव देवाशीष दास ने विद्याॢथयों के समक्ष शहीद लाहिड़ी के जीवन से जुड़ी घटनाओं का वर्णन करते हुएकहा कि बच्चों ऐसा कुछ करके जाओ कि तुम्हारा नाम भी इतिहास में लिखा जाए। प्रधानाचार्य डा. जय प्रकाश पांडेय ने कहा कि आप सब भी कुछ ऐसा कार्य करने का प्रयास करें जिससे कि विद्यालय और माता-पिता का नाम उज्वल हो। संचालन जयंत चौधरी ने किया। श्रद्धांजलि सभा में प्रकाश नारायण सिंह, आशुतोष भट्टाचार्य सुमित भट्टाचार्य, अंकुर मुखर्जी, जानकी सिंह, सुचित्रा अधिकारी, विभा दत्ता, समापिका बैनर्जी सहित अन्य शिक्षक व विद्यार्थी रहे।
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