BHU में विदेशी शोध छात्रा की संदिग्ध हाल में मौत, रात में मणिकर्णिका घाट पर बैठती थी साधकों के बीच
वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में इंडियन फिलॉसफी में पीएचडी कर रही एक विदेशी छात्रा संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। 27 वर्षीय फिलिप फ्रांसिस्का अपने किराए के कमरे में मृत मिलीं। पुलिस को दरवाजा खोलकर अंदर जाना पड़ा। दोस्तों के अनुसार वह मानसिक तनाव में थी और अकेलापन महसूस कर रही थी।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में इंडियन फिलॉसफी से पीएचडी कर रही एक विदेशी छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की पहचान फिलिप फ्रांसिस्का (27 वर्ष), निवासी रोमानिया के रूप में हुई है। वह वर्तमान में चौक थाना क्षेत्र के सीके 8/125 गढ़वासी टोला स्थित मकान में किराए पर रह रही थी। उसके बारे में बताया गया कि वह अक्सर रात में मणिकर्णिका घाट पर साधकों के बीच बैठती थी और साधना से भी उसका जुड़ा रहा है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार की रात करीब 11:45 बजे पुलिस को सूचना मिली कि छात्रा दरवाजा नहीं खोल रही है। इस पर चौक पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छात्रा के दो विदेशी मित्रों और मकान मालिक से डुप्लीकेट चाबी लेकर दरवाजा खोला। जब पुलिस अंदर गई, तो छात्रा अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में पाई गई। इसके बाद पुलिस ने आसपास जांच कर आगे की विधिक कार्रवाई शुरू की।
घटना की जानकारी के बाद सबसे पहले चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और प्रारंभिक जांच पड़ताल के बाद शव को शिवपुर स्थित मर्चरी हाउस भेजा। पुलिस के अनुसार छात्रा के मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद रिपोर्ट से ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
पुलिस ने बताया कि फिलिप फ्रांसिस्का पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थी। उसके दोस्तों ने बताया कि वह अपने परिवार से दूर थी और अकेलेपन का अनुभव कर रही थी। इस घटना के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि फिलिप के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उसकी मौत आत्महत्या थी या किसी अन्य कारण से हुई। फिलिप के दोस्तों ने कहा कि वह एक प्रतिभाशाली छात्रा थी और अपने अध्ययन में बहुत रुचि रखती थी।
इस घटना ने विश्वविद्यालय परिसर में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। छात्राओं और छात्रों ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि वे इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है, जो इस घटना के सभी पहलुओं की गहनता से जांच करेगी। फिलिप के दोस्तों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसकी मानसिक स्थिति के पीछे क्या कारण थे।
अद्वैत सिद्धांत के बारे में पढ़ रही थी फिलिप
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंडियन फिलासफी से पीएचडी कर रही फिलिप फ्रांसिस्का रोमानिया के बुखापोस्ट की रहने वाली थी। वह शंकराचार्य के अद्वैत सिद्धांत के बारे में पढ़ रही थीं। फिलासफी एंड रिलिजन विभाग के प्रोफेसर आनंद मिश्रा के मार्गदर्शन के एक महीना पहले पीएचडी शुरू किया था। बीएचयू से ही उसने पोस्ट ग्रेजुशन किया था। काशी और हिंदू धर्म के प्रति उसकी काफी रूचि थी।
एसीपी दशाश्वमेध डा. अतुल अंजान त्रिपाठी के अनुसार विदेशी छात्रा के दोस्तों ने पुलिस को बताया कि धर्म के बारे में और अधिक जानकारी जुटाने के लिए गढ़वासी टोला में रहती थी। यहां से अक्सर रात में मणिकर्णिका घाट जाकर साधकों के बीच बैठती थी। उनकी पूजा पद्धति को देखती थी और उसके बारे में पूछती थी। वह पिछले चार सालों से भारत में है। वाराणसी से पहले सूरत व अमृतसर में रहकर अलग-अलग विषयों का अध्ययन किया।
बीएचयू से ही उसने मास्टर किया है। उसके माता-पिता अलग हो चुके हैं और दूसरी शादी कर लिया है। फिलिप फ्रांसिस्का को बचपन से मिर्गी के दौर पड़ते थे। नींद में भी चलने की आदत थी। स्थानीय पुलिस ने उसकी मौत की खबर रोमानिया एंबेसी को देकर उसके स्वजन के संपर्क करने का प्रयास कर रही है। एंबेसी से कोई जवाब मिलने के बाद शव ही शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। शव को अभी मोर्चरी में रखा गया है।

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