Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BHU के बिड़ला हॉस्टल के बाहर जमकर चले ईंट-पत्थर, छात्रों और सुरक्षाकर्मियों में क्यों हुई भिड़ंत?

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 09:04 PM (IST)

    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के बिड़ला छात्रावास में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प हुई। छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया, जिसके बाद प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और विश्वविद्यालय प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

    Hero Image

    बिड़ला हास्टल के बाहर बवाल के बाद छात्रों और सुरक्षाकर्मियों में भिड़ंत।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। बीएचयू में शुक्रवार को देर रात छात्रों और सुरक्षा कर्मचारियों के बीच संघर्ष हुआ। बिड़ला (सी) छात्रावास के बाहर काफी देर तक बवाल हुआ। छात्रों की तरफ से जमकर ईंट-पत्थर चले। हालांकि किसी को चोट नहीं आने की सूचना है। तीन थानों की पुलिस ने किसी तरह हालात को नियंत्रित किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताते हैं कि देर रात बिड़ला सी छात्रावास के कुछ छात्र आपस में गाली-गलौच कर रहे थे। सुरक्षा कर्मियों ने ऐसा नहीं करने की हिदायत दी जाने लगी। छात्र नहीं मानें तो छात्रों को लाठी से पीट दिया गया। इस पर बात बिगड़ गई और छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया।

    50 से अधिक छात्र आक्रोशित होकर चौराहे पर एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। प्राक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र कार्रवाई की मांग पर अड़ गए।

    हंगामा बढ़ने लगा और ईंट-पत्थर चलने लगे। प्राक्टर ने पुलिस फोर्स बुला ली। किसी तरह छात्रों को समझाया गया और छात्र वापस हास्टल में चले गए। स्थिति सामान्य है। चौराहे पर सीसीटीवी भी गायब रहा।

    सुविधाओं पर करोड़ों खर्च

    बीएचयू में सुरक्षाकर्मियों की लंबी चौड़ी फौज है, सुविधाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। इसके बाद भी परिसर अशांत रहता है। अधिकारियों और छात्रों के बीच अच्छे संवाद नहीं होने के कारण परिसर में घटनाएं बड़ा रूप लेती हैं। कई बार अवांछनीय तत्वों और आपराधिक गतिविधि वाले छात्रों को पुलिस द्वारा चिह्नित करके विश्वविद्यालय प्रशासन को भी सूची दी गई है लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका मनोबल बढ़ा है।

    जिसका परिणाम परिसर में अक्सर अशांति रहती है। रात भर गेट खुले रहने से अवांछनीय तत्वों की आवाजाही रहती है जबकि बीएचयू प्रशासन की तरफ से रात 10 बजे के बाद सभी गेट बंद करने के निर्देश थे।