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    बढ़ते तापमान से संकट में मधुमक्खियां, भोजन की कमी के कारण रानी मधुमक्खी ने अंडा देना कम किया

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Sun, 01 May 2022 09:32 PM (IST)

    लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से मधुमक्खियों की जान पर बन आई है। तेज धूप के कारण मधुमक्खियों ने बक्सों (मौनगृह) से बाहर निकलना बंद कर दिया है। पेड़-पौधों व फूल-पत्तियों की कमी होने से भोजन की कमी हो गई है और ये भूखों मर रही हैं।

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    भीषण गर्मी के कारण बाक्स से बाहर नहीं आ रहीं मधुमक्खियां

    जागरण संवाददाता, जौनपुर : लगातार पड़ रही भीषण गर्मी से मधुमक्खियों की जान पर बन आई है। तेज धूप के कारण मधुमक्खियों ने बक्सों (मौनगृह) से बाहर निकलना बंद कर दिया है। पेड़-पौधों व फूल-पत्तियों की कमी होने से भोजन की कमी हो गई है और ये भूखों मर रही हैं। जिंदा रखने के लिए इन्हें वैकल्पिक आहार दिया जा रहा है, लेकिन इससे शहद की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। पर्याप्त भोजन न मिलने से कमजोर हो चुके मौनवंशों के लिए शत्रु कीट (चींटी आदि) भी घातक साबित हो रहे हैं। प्रतिदिन 1200-1300 अंडे देने वाली रानी मधुमक्खी भी 200-250 अंडे ही दे पा रही हैं। ऐसे में शहद उत्पादन भी काफी घटा है।

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    जिले में एक हजार बाक्स में किसान मधुमक्खी पालन करते हैं, जबकि 20 बाक्स उद्यान विभाग के हैैं। जिले के मौन पालक गोरखनाथ ने बताया कि भोजन की तलाश में हम लोग बक्सा लेकर तराई क्षेत्रों के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर व बंगाल तक जाते हैं। वैकल्पिक आहार में इन्हें चना-सोयाबीन का आटा, मिल्क पाउडर, यीस्ट और चीनी का गाढ़ा घोल देते हैैं। उद्यान विशेषज्ञों के अनुसार मधुमक्खियों की कमी के कारण परागण प्रभावित होने से जायद की फसल का उत्पादन 10 से 15 प्रतिशत तक घटा है।

    मधुमक्खियों को गर्मी से बचाने को ये करें

    गर्मी और बारिश का मौसम मौनवंशों के लिए संकटभरा होता है। मधुमक्खी पालन के नोडल, जिला उद्यान निरीक्षक हरिशंकर ने बताया कि इन्हें गर्मी व लू से बचाने के लिए बाक्स के चारों तरफ घास-फूस का बाड़ लगाएं। बाक्स का प्रवेश द्वार पूरब या उत्तर दिशा में रखें। माइग्रेशन के समय इन्हें ऊंचे व छायादार स्थान पर रखें। बाक्स के ऊपर भीगा बोरा रखकर उसे सुबह-शाम गीला करते रहें। चीटीं और कीड़ों से बचाव के लिए सप्ताह में एक बार जरूरत के अनुसार सल्फर का प्रयोग करें।

    इंसान के लिए इसलिए जरूरी हैैं मधुमक्खियां

    धरती पर जीवन चक्र व पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में मधुमक्खियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैै। परागण के जरिये ये पौधों के प्रजनन में मदद करती हैैं। बड़े पैमाने पर खेती इन कीटों पर ही निर्भर है।

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