खेल क्षितिज पर चमक रहीं बनारस की महिला खिलाड़ी, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक पर पदक जीते
खेल क्षितिज पर बनारस की महिला खिलाड़ी चमक रहीं हैं। विश्व चैंपियनशिप से एशियाड राष्ट्रमंडल खेलों तक डंका बजाया।
वाराणसी [कृष्ण बहादुर रावत]। घाटों और मंदिर के शहर बनारस में एक समय महिलाओं का हाफ पैंट पहन कर खेल मैदानों पर अभ्यास करना बहुत लोगों को अच्छा नहीं लगता था, लेकिन जब इन महिलाओं ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक पर पदक जीते तो इन्हीं लोगों ने तारीफों के पुल भी बांध दिए। बास्केटबॉल से लेकर एथलेटिक्स, भारोत्तोलन, फुटबॉल, वुशू, किक बॉक्सिंग, निशानेबाजी, कबड्डी में एक दर्जन से अधिक महिला खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनारस का परचम लहराया।
बास्केटबॉल में पद्मश्री प्रशांति सिंह (अर्जुन अवार्डी), दिव्या सिंह, आकांक्षा सिंह, प्रतिमा सिंह बरखा सोनकर, रंजना सिंह, वर्षा वर्मा और प्रीति कुमारी ने धूम मचाई। सिंह सिस्टर्स (दिव्या, प्रशांति, आकांक्षा व प्रतिमा) ने कई बार भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम की कप्तानी की। फुटबॉल में पूनम चौहान (अब स्वर्गीय) व निशानेबाजी में दीपिका पटेल ने धूम मचाई।
भारोत्तोलन में पूनम यादव ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण एवं स्वाति सिंह ने कांस्य पदक जीता। कविता अग्रहरि, पूर्णिमा पांडेय और पूजा पांडेय ने भी बनारस का रंग जमाया। कबड्डी में प्रियंका राय, सुनीता व मालविका ने वाहवाही लूटी। बुशू में गुमा कुमारी थापा एवं किक बाक्सिंग में बिंदू सारकी, गुमा व दुर्गा थापा ने विदेश में बनारस का नाम रोशन किया।
एथलेटिक्स में मास्टर वर्ग में 47 वर्षीय नीलू मिश्रा ने वल्र्ड मास्टर्स चैंपियनशिप में ऊंची कूद में कांस्य व एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कई बार भारत की कप्तानी करते हुए एक दर्जन से अधिक स्वर्ण पदक जीत कर बनारस का नाम ऊंचा किया। 52 वर्षीय दीपा गुप्ता और डा. तृप्ति सिंह ने भी एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स में पदक जीते। इसी तरह प्रियंका पटेल, सुमन यादव, रानी यादव, अमृता पटेल और रेवी पाल भी एथलेटिक्स में बड़े नाम हैं।