बनारस में 15वें दिन भी मध्यम स्तर में हवा, बढ़ी सांस रोगियों की परेशानी
बनारस में लगातार 15वें दिन वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर रहने से सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ गई है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। चिकित्सकों ने अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के रोगियों को घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।

रविवार को भी हवा सूचकांक 151 से 144 तक बना रहा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। तीन साल के बाद बनारस की हवा अब तक के सबसे खराब दौर से गुजर रही है। चालू नवंबर माह में ही यह रविवार को लगातार 15वें दिन भी येलो लेवल में बनी रही। इससे सांस रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। रविवार को भी हवा सूचकांक 151 से 144 तक बना रहा।
बात नवंबर माह की करें तो प्रथम चार दिन यानी एक से चार नवंबर तक और फिर सात और आठ नवंबर को ही एक्यूआइ 100 या उससे नीचे रहा। बल्कि प्रथम दो दिन तो यह डार्क ग्रीन लेवल में 50 से नीचे क्रमश: 36 और 40 पर रहा लेकिन नौ नवंबर को यह पुन: 100 के ऊपर पीत स्तर पर पहुंच गया और 112 रहा।
इसके बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही गया और कभी-कभी थोड़ा कम भी हुआ लेकिन 112 से कम न हुआ बल्कि अधिकतम 14 नवंबर को अधिकतम 164 पर पहुंच गया। इसके पूर्व अक्टूबर महीने में भी वायु की गुणवत्ता प्रभावित हुई थी और 11 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक बीच में 12 और 19 अक्टूबर को छोड़ यह पीत स्तरीय ही बनी रही और 156 तक पहुंच गई थी।
24 अक्टूबर से हवा में सुधार का क्रम आरंभ हुआ तो यह दो नवंबर हरित स्तरीय हो गई यानी ग्रीन लेवल में रही। पूरे वर्ष का आंकड़ा देखें तो इसके पूर्व बनारस की हवा मई माह में दो दिन 14 व 16 मई को, अप्रैल में पांच दिन दो, तीन, छह, सात और 22 अप्रैल को, मार्च में तीन दिन 14, 16 व 25 मार्च को ही 100 की सीमा पार कर येलो लेवल में पहुंची थी।
सर्वाधिक दूषित भेलूपुर क्षेत्र बनारस में रविवार को सबसे दूषित हवा का क्षेत्र भेलूपुर राह। वहां एक्यूआइ 157 दर्ज किया गया तो दूसरे स्थान पर अर्दली बाजार रहा, वहां एक्यूआइ 146 रहा, बीएचयू में एक्यूआइ 131 और मलदहिया में 130 पर रहा। पिछले वर्ष महज 18 दिन ही येलो लेवल में रही हवा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकृत समीर एप को देखें तो पिछले वर्ष 2024 में अधिकांश दिनों तक हवा हरित यानी ग्रीन लेवल में ही रही।
महज पांच से नौ दिन ही विविध क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता मध्यम यानी येलो लेवल में देखी गई। 28 अक्टूबर 2024 तक के आंकड़ों को देखने पर पता चला कि इन 303 दिनों में भेलूपूर में हवा 13 दिन, अर्दली बाजार में 18 दिन, मलदहिया में महज 12 दिन और बीएचयू में महज आठ दिन ही येलो लेवल में पहुंची थी। यह अलग बात है कि 25 सितंबर 2024 को बीएचयू में एक्यूआइ अत्यंत खराब स्तर पर 335 तक पहुंच गया था, विभाग द्वारा बताया गया कि ऐसा प्रदूषण मापक यंत्र में आई खराबी की वजह से हो गया था।

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