सज्जित रथ पर निकली बाबा लाट भैरव की बरात, मनोरम दृश्य को देखकर बराती बने काशीवासी हो उठे निहाल
भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी शनिवार रात भैरवमयी हो गई। भगवान शंकर की क्रोधाग्नि से प्रकट बाबा श्री कपाल भैरव (लाट भैरव) स्वर्णमयी रथ पर सवार होकर जब मात ...और पढ़ें

वाराणसी, जागरण संवाददाता। भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी शनिवार रात भैरवमयी हो गई। भगवान शंकर की क्रोधाग्नि से प्रकट बाबा श्री कपाल भैरव (लाट भैरव) स्वर्णमयी रथ पर सवार होकर जब माता भैरवी संग ब्याह रचाने पहुंचे तो इस मनोरम दृश्य को देखकर काशीवासी निहाल हो उठे। काल भैरव मंदिर प्रबंध द्वारा बाबा की वस्त्राभूषण व फूल-मालाओं से विधिवत झांकी सजा कर आरती उतारी गई। शाम पांच बजे विश्वेश्वरगंज के इन्ना माई की गली से बाबा श्री कपाल (लाट) भैरव के रजत मुखौटे का विधिवत शृंगार किया गया। आचार्य पं. रविंद्र त्रिपाठी ने षोडशोपचार पूजन कराया। मुख्य यजमान विधायक डा. नीलकंठ तिवारी ने बारात का शुभारंभ किया। रथ पर सवार होते ही बाबा के मुखौटे की आभा देखते ही बनी। बरात हरतीरथ चौराहा, विश्वेश्वरगंज त्रिमुहानी से होते हुए भैरवनाथ मंदिर पहुंची।

विशेश्वरगंज से लेकर कज्जाकपुरा तक बारात मार्ग में मंदिरों में विशेष सजावट की गई थी। छतों से लोगों ने पुष्पवर्षा कर बरात का अभिनंदन किया। आस्था की पराकाष्ठा ऐसी कि बरात को दो किलोमीटर की दूरी तय करने में 10 घंटे से अधिक लग गए। डमरुओं की थाप व जयघोष के बीच बरात शोभायात्रा आगे बढ़ती रही। देर रात कपाल मोचन कुंड के समीप बाबा का द्वार पूजन कराया गया। मंदिर की पांच परिक्रमा के बाद रजत मुखौटे को विग्रह पर विराजमान कराया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अध्यक्ष हरिहर पांडेय ने बाबा के समस्त वैवाहिक रीति-रिवाजों को पूरा किया। ब्रह्म मुहूर्त में विवाहोत्सव संपन्न हुआ।

विवाहोत्सव में प्रमुख रूप से समिति के उपाध्यक्ष बसंत सिंह राठौर, प्रधानमंत्री छोटेलाल जायसवाल, मंत्री मुन्ना लाल यादव, विक्रम सिंह राठौर, नंदलाल प्रजापति, कोषाध्यक्ष छोट्टन केशरी, मीडिया प्रभारी शिवम अग्रहरि आदि थे। सुरक्षा की दृष्टि से कई थानों की फोर्स लगाई गई थी।

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