आजमगढ़ में रिश्वत लेने के आरोप में सब-इंस्पेक्टर निलंबित, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई
आजमगढ़ में एक सब-इंस्पेक्टर को रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उसे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उस पर एक मामले में मदद करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। पुलिस अधीक्षक ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत देवगांव थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिले में त्वरित कार्रवाई के नाम पर अवैध वसूली का गंभीर मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे ने सख्त रुख अपनाते हुए देवगांव थाने के सब-इंस्पेक्टर लालबहादुर प्रसाद को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया।
ग्राम मिर्जापुर निवासी वादी आकाश चौहान ने आरोप लगाया था कि मारपीट के मुकदमे की विवेचना कर रहे सब-इंस्पेक्टर लगातार तीनों आरोपियों को जेल भेजने व शीघ्र चार्जशीट दाखिल करने के बदले पांच हजार रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।
शिकायत पर वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच क्षेत्राधिकारी लालगंज को सौंपी। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत देवगांव थाने में मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपी को निलंबित कर हिरासत में लिया गया और जेल भेज दिया गया। पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टालरेंस की नीति लागू है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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