Azamgarh Lok Sabha by Election 2022 : चुनाव प्रचार में दिग्गजों की एंट्री से सबके वोटों में लगने लगे सेंध
अब चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में तोड़फोड़ की राजनीति शुरू होने से वोट बैंक में सेंध लगने लगी है। सपा के अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आरिफ खान ने कहा कि मैं बसपा नहीं लेकिन गुड्डू जमाली के साथ हूं।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सपा के ‘गढ़’ में उपचुनाव के परिणाम का धुंधला रंग अब धीरे-धीरे साफ होने लगा है। आजम खां ने दो सभाएं कर धर्मेंद्र का हाथ उठाकर संदेश दिया कि धर्मेंद्र के लिए ही आया हूं, तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने पटेल बाहुल्य इलाके में सभाएं कर पिछड़े वोटों में सेंधमारी की कोशिश की। सपा, भाजपा के दिग्गज पहले से ही सभाएं कर वोटरों को मथते आ रहे हैं।
अब चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में तोड़फोड़ की राजनीति शुरू होने से वोट बैंक में सेंध लगने लगी है। सपा के अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आरिफ खान ने कहा कि मैं बसपा नहीं, लेकिन गुड्डू जमाली के साथ हूं। वहीं शिवपाल गुट के दिग्गज रामदर्शन यादव और अभिषेक सिंह आसू स्वतंत्र देव के मंच पर भाजपाई हो गए। ऐसे में ‘गढ़’ में शूरवीरों की लड़ाई से भाजपा को फायदा होता दिख रहा है।
आजमगढ़ सदर संसदीय क्षेत्र के आजमगढ़ सदर, मेंहनगर, सगड़ी, मुबारकपुर, गोपालपुर विधानसभा में 1838779 मतदाता हैं। इनमें सवर्ण 27, पिछड़े 33, अनुसूचित 24, मुस्लिम 12 फीसद मतदाता हैं। इसमें यादवों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख आंकी गई है, इसी पर भाजपा प्रत्याशी दिनेश यादव की भी निगाहें हैं। जबकि सपा के धर्मेंद्र यादव की लड़ाई ही मुस्लिम-यादव समीकरण पर टिकी है।
बसपा अनुसूचित जाति के अनुमानित तीन लाख मदताओं के साथ मुस्लिम चेहरा शाह आलम गुड्डू जमाली के जरिए अनुमानित दो लाख मुस्लिमाें के भरोसे जीत का सपना देख रही है। हालांकि, वोटों का कोई ठोस रिकार्ड नहीं है, लेकिन इसी अनुमान से सियासी पार्टियां भी चक्रव्यूह तैयार की हैं। अब महारथी एक-दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगा रहे हैं। राजभर मतदाताओं को सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश और भाजपा के कैबिनेट मंत्री अनिल साध रहे हैं, लेकिन राजभर मतदाता बंटे हुए हैं। यादवाें का वोट बैंक थामने के लिए सपा प्रदेश भर के बिरादरी से जुड़े नेताओं को झाेंकी है। भाजपा राज्यमंत्री गिरीश यादव के जरिए लगी है, लेकिन रामदर्शन का टूटना महत्वपूर्ण है।
स्वामी प्रसाद मौर्य कई सभाएं कर चुके हैं, जबकि उनकी काट में भाजपा किसी को नहीं उतारी है। शाह आलम गुड्डू जमाली ने स्थानीय और बाहरी का कार्ड खेला तो सपा अल्पसंख्यक सभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आरिफ खान उनके साथ हो लिए। सपा और भाजपा दोनों के ही संगठन जमीन पर मजबूती से लड़ रहे हैं, लेकिन तोड़फोड़ की राजनीति से वोटों का खजाना रखने वाली सपा को ही नुकसान होता दिख रहा है। शनिवार देर शाम भाजपा एमएलसी एके शर्मा ने आजमगढ़ सदर और मुकेरीगंज में सभा कर दिनेश के लिए वोट मांगे। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा मुखिया अखिलेश का आना शेष है, लेकिन मतदाताओं को कितना साध पाएंगे, कहना मुश्किल है।
विधानसभा
सदर
मेंहनगर
मुबारकपुर
सगड़ी
गोपालपुर
आजमगढ़ : संसदीय क्षेत्र में विधानसभा वार मतदाताओं के अनुमानित वोट फीसद।
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