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    Azadi ka Amrit Mahotsav : वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री के आंगन में आजादी के वीरों का हुआ बखान

    Azadi ka Amrit Mahotsav आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत काकोरी घटना के वर्षगांठ एवं अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन वाराणसी के रामनगर में किया गया। आजादी के योद्धाओं के चित्रोंउनकी रचित रचनाओं को प्रस्तुत किया गया।

    By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Mon, 09 Aug 2021 07:21 PM (IST)
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    लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय में फोटो गैलरी का अवलोकन करते नगर अपर आयुक्त प्रशासन वाराणसी मंडल अजय कुमार

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत काकोरी घटना के वर्षगांठ एवं अगस्त क्रांति दिवस का आयोजन किया गया। सोमवार को लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय, क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, क्षेत्रीय अभिलेखागार की ओर से लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय रामनगर, वाराणसी में "अगस्त क्रांति और स्वाधीनता आंदोलन" विषयक अभिलेख प्रदर्शनी और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जन भागीदारी विषयक आनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्री अजय कुमार सिंह, अपर आयुक्‍त प्रशासन, वाराणसी मंडल वाराणसी ने प्रदर्शनी का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया।

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    आयोजित अभिलेख प्रदर्शनी दो भागों में प्रस्तुत की गई। प्रथम भाग में रानी लक्ष्मीबाई की युद्ध नीति, बनारस षडयंत्र केस, असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण त्यागपत्र देने वाले शिक्षकों की सूची, शहीद रोशन सिंह, शहीद अशफाक उल्ला खां, शहीद राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद भगत सिंह के अभिलेखों को प्रदर्शित किया गया। वहीं दूसरे भाग में आजादी के योद्धाओं के चित्रों,उनकी रचित रचनाओं को प्रस्तुत किया गया। आयोजित व्याख्यान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रो राकेश पांडेय ने स्वाधीनता आंदोलन और जन भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का स्वरूप प्रारम्भ से जन आंदोलन का रहा।

    1857 के संघर्ष में सेना के साथ आम लोगों की भागीदारी रही और आम लोगों ने इसमें बढ़ चढ़ के भागीदारी की। बाद के वर्षों में स्वदेशी, स्वशासन, गांधी के आंदोलन में समाज के उच्च तबके से ले कर आम लोगों और महिलाओ ने भाग लिया। इस क्रम में 1942 का भारत छोड़ो आंदोलन स्वतः स्फूर्त और जनता के हाथों में था। इसके साथ ही प्रो पांडेय ने बताया कि जन भागीदारी के कारण ही हमारे देश का वर्तमान स्वरूप सर्व समावेशी और समाज के अंतिम तबके तक को समायोजित करता है।विनय कुमार, विरेन्द्र कुमार, शैज खां, प्राप्ति पाण्डेय, आनन्द पाल, पंचबहादुर, मनोज कुमार, संतोष कुमार सिंह, महेंद्र कुमार लाल, विरेन्द्र निषाद आदि अनेक लोग उपस्थित थे।मुख्य अतिथि नगर अपर आयुक्त वाराणसी अजय कुमार सिंह ने प्रदर्शनी का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन डॉ सुभाष चन्द्र यादव क्षेत्रीय पुरातत्त्व अधिकारी वाराणसी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ हरेंद्र नारायण सिंह ने किया।