आयुर्वेद बिना एस्टेरॉएड के खिलाड़ियों का भरेगा जख्म
खिलाड़ियों को खेल के दौरान चोट और दवाओं के खतरे से अब उनका कैरियर आयुर्वेद बचाएगा।
कृष्ण बहादुर रावत, वाराणसी : खेल है तो दौड़ भाग और चोट लगना सामान्य है। खिलाड़ियों को खेल के दौरान अपने जीवन में कभी-कभी न चोट अवश्य लगी होगी। ऐसे में उनकी चोट को ठीक करने में आयुर्वेद की जड़ी-बूटी और औषधियुक्त तेल बहुत कारगर साबित हो रही है। आयुर्वेदिक इलाज होने से खिलाड़ियों में एस्टेरॉएड का स्तर भी नहीं बढ़ता और उनकी सेहत भी ठीक रहती है साथ ही डोप टेस्ट में गलत इलाज से उनके कैरियर को भी कोई नुकसान नहीं होता।
चौकाघाट राजकीय महाविद्यालय व चिकित्सालय के वैद्य इन दिनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से कर रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह कुछ समय से घुटने और जांघ में चोट से परेशान थे। उन्हें जानु वस्ति से काफी आराम मिला है। यहां के वैद्यों का कहना है कि लगभग तीन महीने में सब पहले जैसा हो जाएगा।
आयुर्वेद में पैर में मोच या अन्य कारणों से दर्द हो (बस हड्डी न टूटी हो) तो उसमें स्नेहन और स्वेदन पद्धति बहुत कारगर होती है। घुटने में दर्द के लिए जानु वस्ति और कंधे के दर्द के लिए ग्रीवा वस्ति पद्धति मशहूर है। इस पद्धति में औषधियुक्त तेल का भी प्रयोग किया जाता है।
वैद्य अजय कुमार ने गुरुवार को बताया कि आयुर्वेदिक जड़ी- बूटी और अन्य औषधियों से युक्त तत्काल दर्द निवारक स्प्रे भी बाजार में लोकप्रिय हो रहा है। चोटों और मोचों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक औषधियों से बना तेल का लाभ एक सप्ताह बाद दिखना शुरू हो जाता है। स्पोर्ट्स मेडिसन पर होगा शोध
स्नातकोत्तर स्तर हम लोगों को कुछ और विषयों की मान्यता मिलने वाली है। उसके बाद ताकत बढ़ेगी। तब हम आयुर्वेद और स्पोर्ट्स मेडिसन पर शोध करने की दिशा में पहल करेंगे।
-प्रो.एसएन सिंह, प्राचार्य।