बीएचयू : असंचारी रोगों का आयुर्वेद में बेहतर उपचार
वाराणसी : मधुमेह और रक्तचाप तमाम रोगों की जड़ है, इसके बाद कैंसर, हृदय, पेट संबधी रोग का
वाराणसी : मधुमेह और रक्तचाप तमाम रोगों की जड़ है, इसके बाद कैंसर, हृदय, पेट संबधी रोग का भी धीरे धीरे जन्म होने लगता है। इन असंचारी बीमारियों के लिए हम खुद जिम्मेदार है। ऐसे में हमें हर हाल में अपनी दिनचर्या, खानपान, रहन-सहन को सुधारना होगा। यह बातें रायपुर आयुर्वेदिक कालेज की डा. आराधना कंडे ने मीडिया से बातचीत में की। साथ ही उन्होंने कहा कि असंचारी रोगों का आयुर्वेद में सबसे बेहतर उपचार है। डा. आराधना आयुर्वेद संकाय, बीएचयू के काय चिकित्सा विभाग की ओर से केएन उडुप्पा सभागार में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने आई थी। समापन पर अनामिका द्विवेदी सहित कई छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। वहीं रविवार को साउथ कैंपस में सैकड़ों लोग पहाड़ पर जड़ी बूटियों के क्षेत्र में आयुर्वेद के भविष्य को तलाशने पहुंचे।
डा. आधारना ने कहा कि आयुर्वेद को जीवनशैली के रूप में अपनाना होगा। आयोजन अध्यक्ष डा. एके द्विवेदी व डा. पीएस ब्यादगी ने बताया कि बदलती दिनचर्या के कारण मोटापा, डायबिटीज, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, दमा, मानसिक जन्य रोग बढ़ रहे हैं। सचिव डा. प्रियदर्शिनी तिवारी ने बताया कि इन दिनों नान मेडिकल के लोग भी आयुर्वेद की डिग्री ले चिकित्सक बनकर पेशे के बदनाम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करनी चाहिए। विभागाध्यक्ष प्रो. जेएस त्रिपाठी व डा. एनएस त्रिपाठी बताया गया कि अगर स्वस्थ रहना है तो शारीरिक श्रम, सदवृत्त बढ़ाना होगा। इस मौके पर प्रो. राजेंद्र प्रसाद, डा. अजय पाडेय, डा. अनुराग पाडेय, ओपी सिंह, डा. सुशील दुबे, अनामिका द्विवेदी आदि लोग मौजूद रहे।
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