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    वाराणसी के विद्वानों को पुरस्कारों का एलान, ये हैं प्रमुख नाम; महर्षि व्यास और नारद से होंगे सम्मानित

    Updated: Sat, 10 Feb 2024 10:21 AM (IST)

    Varanasi उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान (लखनऊ) ने वर्ष-2022 में पुरस्कृत होने वाले चयनित विद्वानों की घोषणा शुक्रवार कर दी। इस बार विश्वभारती (501000) पुरस्कार जबलपुर के प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी को मिलेगा। 2022 में पुरस्कार के चयनित 46 विद्वानों की सूची में 19 काशी से हैं। पुरस्कृत विद्वानों का कहना है कि संस्कृत व संस्कृति के बदौलत ही देश दोबारा विश्वगुरु का दर्जा हासिल कर सकता है।

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    वाराणसी के विद्वानों को पुरस्कारों का एलान, ये हैं प्रमुख नाम

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान (लखनऊ) ने वर्ष-2022 में पुरस्कृत होने वाले चयनित विद्वानों की घोषणा शुक्रवार कर दी। इस बार विश्वभारती (501000) पुरस्कार जबलपुर के प्रो. रहस बिहारी द्विवेदी को मिलेगा। 2022 में पुरस्कार के चयनित 46 विद्वानों की सूची में 19 काशी से हैं।

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    पुरस्कृत विद्वानों का कहना है कि संस्कृत व संस्कृति के बदौलत ही देश दोबारा विश्वगुरु का दर्जा हासिल कर सकता है। वहीं उत्थान के लिए संस्कृत शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की आवश्यकता है। साथ ही इसे संस्कृत से जोड़ने की जरूरत है।

    इन विद्वानों को मिला पुरस्कार

    • प्रो. अंजनी शास्त्री
    • डा. दया शंकर त्रिपाठी
    • डा. जयंत कुमार चौधरी
    • अविनाश पांडेय
    • डा. ममता मेहरा
    • प्रो. शंकर कुमार मिश्र
    • नितीश मिश्र
    • प्रो. रामपूजन पांडेय
    • डा. श्रीकिशोर मिश्र

    पुरस्कार के लिए चयनित काशी के विद्वानों के नाम इस प्रकार

    • महर्षि व्यास पुरस्कार (2,01,000 रुपये) : संस्कृत विद्या विभाग, बीएचयू के प्रो. आंजनेय शास्त्री
    • महर्षि नारद पुरस्कार (1,01,000 रुपये) : संस्कृत विभाग, बीएचयू के प्रो. गोपबंधु मिश्र
    • विशिष्ट पुरस्कार (1,01,000 रुपये) : प्रो. हृदयरंजन शर्मा, संस्कृत विद्या विभाग, बीएचयू के प्रो. शंकर कुमार मिश्र, प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी व न्याय वैशेषिक विभाग, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. रामपूजन पांडेय
    • वेद पंडित पुरस्कार (51,000 रुपये) : बीएचयू के नितीश मिश्र, स्वामी वेदांत वेद विद्यापीठ के डा. अविनाश पांडेय व पट्टाभिराम शास्त्री वेद मीमांस अनुसंधान केंद्र के आचार्य दीपक कुमार दुबे।
    • नामित पुरस्कार (51000 रुपये) : वैयाकरण सिद्धांत कौमुदी पंचसंध्यांता नामक पुस्तक के लिए बंगाली टोला इंटर कालेज के संस्कृत अध्यापक डा. जयंत कुमार चौधरी।
    • विशेष पुरस्कार (21000 रुपये) : विधान श्रीनिधि: नामक पुस्तक के लिए संस्कृत विभाग, बीएचयू के प्रो. श्रीकिशोर मिश्र, वेदांत सूत्रमुक्तावलि नामक पुस्तक के लिए : वेदांत विभाग, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रो. राम किशोर त्रिपाठी
    • विविध पुरस्कार (11000 रुपये) : अभिलेखलिपिशास्त्रम् नामक पुस्तक के लिए डा. सुधाकर मिश्र, यत्रविश्वं भवज्येक रुपम् नामक पुस्तक के लिए बीएलडब्ल्यू की निवासी व मगध विश्वविद्यालयय-बोध गया-बिहार की डा. ममता मेहरा, वैदिक एवं पौराणिक साहित्य में विज्ञान नामक पुस्तक के लिए वैदिक विज्ञान, बीएचयू के डा. दयाशंकर त्रिपाठी, वैदिक विज्ञान : एक परिचय नामक पुस्तक के लिए वैदिक विज्ञान केंद्र, बीएचयू के प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, समन्वयक, प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, कौशिक गृह्य सूत्रम नामक पुस्तक के लिए प्रो. श्रीकिशोर त्रिपाठी, वैदिक आचार शास्त्र नामक पुस्तक के लिए सेवा निवृत्त डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर रामाश्रय तिवारी, षड्दर्शन समुच्चय में प्रति-पादित वैशेषिक दर्शन नामक पुस्तक के लिए राज किशोर आर्य।

    संस्कृत में रोजगार की अपार संभावनाएं : प्रो. आंजनेय शास्त्री

    महर्षि व्यास पुरस्कार के चयनित बीएचयू संस्कृत विद्याविभाग के पूर्व डीन प्रो. आंजनेय शास्त्री का कहना है कि संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं अपितु हमारी संस्कृति भी है। संस्कृत के बिना भारतीय स्वरूप को नहीं समझा जा सकता है। इसमें रोजगार की आपार संभावनाएं हैं।

    संस्कृत को अनिवार्य करने की जरूरत : प्रो. गोपबंधु मिश्र महर्षि

    नारद पुरस्कार के लिए चयनित संस्कृत विभाग, बीएचयू के प्रो. गोपबंधु मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में संस्कृत को विशेष महत्व दिया गया है। संस्कृत के विकास के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में भी एक विषय के रूप में संस्कृत को अनिवार्य करने की जरूरत है।

    इनको मिला महर्षि नारद पुरस्कार

    उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का प्रतिष्ठित विश्वभारती पुरस्कार-2022 जबलपुर के प्रो. रहसबिहारी द्विवेदी को दिया जाएगा। अयोध्या के डा. देवी सहाय पांडेय ‘दीप’ को दो लाख एक हजार रुपये की राशि का महर्षि वाल्मीकि पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। वाराणसी के प्रो. आंजनेय शास्त्री को दो लाख एक हजार रुपये का महर्षि व्यास पुरस्कार और वाराणसी के ही प्रो. गोपबंधु मिश्र को महर्षि नारद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। उन्हें एक लाख एक हजार रुपये की राशि दी जाएगी। संस्थान प्रतिवर्ष विभिन्न वर्ग में 50 पुरस्कार देता है। वर्ष 2022 के 46 पुरस्कारों की घोषणा की गई है, जबकि चार पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं मिले हैं। इनमें एक नामित व तीन विविध श्रेणी के हैं, जो इस बार नहीं दिए जाएंगे।