'मैं जीना चाहता था, मरने जा रहा हूं... कम से कम 498A में संशोधन कर दें', ... और दे दी जान!
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में धारा 498A में संशोधन करने की बात कही। मृतक ने लिखा कि वह जीना चाहत ...और पढ़ें

वाराणसी में लोहता निवासी राहुल मिश्रा ने मरने से साढे़ सात मिनट का वीडियो जारी किया था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। एक बाइक पर अंतिम सफर और साढ़े सात मिनट का वीडियो..... यह जीवन के अंतिम सफर की दास्तान नहीं बल्कि कहानी है उस प्रेम के मर जाने का जो जात पात से परे उपजा था। सात जन्मों तक एक साथ जीवन जीने के संकल्पों की यह अंतिम बाइक की यात्रा काशी में ही नहीं देश भर में अब वायरल हो रही है। साथ ही वायरल हो रहा है सपनों के मर जाने का। कानून के शिकंजे में जकड़ कर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A के पंजे में भिंंचकर दम तोड़ देने का।
सरपट दौड़ती बाइक पर दर्ज की गई अंतिम दास्तान सुनाने वाला तो नहीं रहा लेकिन लोगों को सुनने के लिए छोड़ गया कानून के दुरुपयोग की वह दास्तान जिसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A कहते हैं। पूर्व में भी इस कानून के दुरुपयोग को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं। बीते दिनों इसी प्रकार अतुल सुभाष की लाइव आत्महत्या की मार्मिक घटना भी चर्चा में रह चुकी है।
पूरी दास्तान वाराणसी में लोहता थाना क्षेत्र के बनकट गांव का है जहां एक युवक ने पत्नी और उसके ब्वॉयफ्रेंड की प्रताडना से परेशान होकर फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। मृतक राहुल मिश्रा (30 वर्ष) ने अपने जीवन के अंतिम क्षणों में एक साढ़े सात मिनट का वीडियो बनाया, जिसमें उसने अपने संबंधों और 498 ए के कानून के दुरुपयोग के बारे में बात की। उसने इस वीडियो में अपने समर्पण और पत्नी तथा बच्चे की खुशहाल जिंदगी के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख किया।
राहुल ने पांच वर्ष पूर्व लखनपुर की संध्या सिंह से प्रेम विवाह किया था। अब मौत के बाद उसकी माता रानी देवी ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि राहुल की पत्नी संध्या, उसकी सास मांडवी और ब्वॉयफ्रेंड शुभम सिंह की प्रताडना के कारण राहुल ने आत्महत्या की है। वहीं बेटे की मौत के बाद मां रानी देवी ने बताया कि बहू संध्या का शुभम सिंह उर्फ डेंजर के साथ प्रेम संबंध था, जिसने राहुल को कई बार धमकी दी कि यदि उसने संध्या को तलाक नहीं दिया, तो परिणाम बुरा होगा।
गौरतलब है कि पिछले आठ दिसंबर को राहुल अपने ससुराल लखनपुर पत्नी और डेढ़ साल के बेटे रेयांस को लाने गया था, लेकिन संध्या आने के लिए तैयार नहीं हुई। इसके बाद संध्या और शुभम ने राहुल पर तलाक देने का दबाव डाला। जब राहुल ने इसके लिए सहमति नहीं दी, तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी। इस प्रताडना से परेशान होकर राहुल ने आत्महत्या का कदम उठाया।
राहुल ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाया, जिसमें उसने कहा कि शुभम सिंह डेंजर का उसकी पत्नी से अवैध संबंध था और उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया है। उसने इस मामले की पूरी जिम्मेदारी संध्या, शुभम और मांडवी पर डाली।
इस घटना के बाद, चौकी इंचार्ज अकेलवा और प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और फोरेंसिक टीम को बुलाकर साक्ष्य संकलन किए। मृतक अपने माता-पिता का इकलौता संतान था, जिससे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
आत्महत्या के इस मामले में बुधवार तक पुलिस के हाथ खाली थे और आरोपित पत्नी, ब्वायफ्रेंड और सास की इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नही हुई है। फरार आरोपितों के लिए पुलिस हाथ पांव मारने का दावा तो कर रही है मगर न्याय की आस अधूरी है। वहीं मां का रो रोकर बुरा हाल है, पूछने पर बताया कि बेटे को न्याय मिलता तो आज वह जिंंदा होता।
थाना प्रभारी राजबहादुर मौर्य ने बताया कि रानी देवी की तहरीर पर पत्नी संध्या, ब्वॉयफ्रेंड शुभम और सास मांडवी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच जारी है। हालांकि वायरल हो रहे वीडियो में पूरी दास्तान साढ़े सात मिनट में दर्ज है। साथ ही कानून के दुरुपयोग के साथ ही पत्नी के छल और उसके ब्यायफ्रेंड की कहानी भी जुबानी दर्ज है।
आत्महत्या करने की वजहों पर आधारित साढ़े सात मिनट का यह वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के निहिताथ को देखकर लोग तरह तरह की चर्चा भी कर रहे हैं। यह घटना न केवल परिवार में मां के लिए बेटा खोने के दर्द से परिपूर्ण है बल्कि समाज में बढ़ती कानून के दुरुपयोग और उससे उपजी मानसिक प्रताडना और घरेलू हिंसा के मामलों की गंभीरता को भी उजागर करती है।
ऐसे मामलों में अक्सर पीड़ितों को अपनी बात कहने का अवसर कानून के शिकंजे में फंसने के बाद नहीं मिलता, जिससे वे आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कानून को सहज होने की जरूरत है। कानूनी कार्रवाई करने से पूर्व ऐसा समाज बनाने के लिए पहल की जरूरत भी है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और अपनी समस्याओं का समाधान पा सके, जिंंदगी से छुटकारा नहीं।

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