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    असि घाट पर अठ्ठासी कार्यक्रम में 65 से 95 वर्ष के लोगों ने खेला अपने जमाने का खेल

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 05:33 PM (IST)

    वाराणसी के अस्सी घाट पर 'अठ्ठासी' कार्यक्रम में 65 से 95 वर्ष के बुजुर्गों ने अपने पुराने खेल खेले। रस्सी कूद और कबड्डी जैसे खेलों में भाग लेकर उन्हों ...और पढ़ें

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    अस्‍सी घाट पर बुजुर्गों ने र‍व‍िवार को अपने जमाने के खेलों को खेला।

    जागरण संवाददाता, वाराणासी। जाड़े की गुनगुनाती धूप में 65 से 95 वर्ष के वरिष्ठ नागरिक असि घाट पर अपने जमाने के खेल के लिए घाट किनारे बनाये खेल मैदान में रविवार को सहज ही उतर गए। यह अवसर प्रणाम वंदे मातरम समिति द्वारा आयोजित अठ्ठासी कार्यक्रम के तहत मिला।

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    वंदे मातरम गीत से आरंभ हुए इस अनूठे खेल में वरिष्ठ नागरिकों ने अपने बचपन के खेल जैसे गिल्ली-डंडा, रस्सा-कस्सी, कंचा, लट्टू नचाने, टायर दौड़ और तीन तिबड़ी में भाग लिया, जिससे उनकी पुरानी स्मृतियां ताजा हो गईं।

    सर्वाधिक आयुवर्ग के उदय नारायण सिंह ने केशरिया रंग का डंडा संभाला और हरे रंग की गिल्ली को तांड मारकर हवा में उछाल दिया। उन्होंने बताया कि जब वे बचपन में गिल्ली-डंडा खेलते थे, तो नारा लगाते थे, "गिल्ली-डंडा बीच मैदान, नहीं बनेगा पाकिस्तान।" इस बार खिलाड़ियों ने आधुनिक संदर्भ में नया नारा लगाया, "गिल्ली-डंडा बीच मैदान, फिर से भारत में मिलेगा पाकिस्तान।"

    कार्यक्रम में रस्सा-कस्सी, कंचा, लट्टू नचाने, टायर दौड़ और तीन तिबड़ी में भी वरिष्ठ नागरिकों का उत्साह देखते बन रहा था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नारायण खेमका और विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता अशोक पांडेय ने भी गिल्ली-डंडा व अन्य खेलों में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन मिठाई लाल यादव ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन मनीष चौरसिया ने किया। स्वागत अध्यक्ष अनूप जायसवाल ने किया।

    इस अवसर पर गुरुदास चौरसिया, गौरी शंकर, उमाशंकर साहू, अमरनाथ केशरी, किशन, प्रो. देवव्रत चौबे, कवि बद्री विशाल, सोहन लाल आर्य, प्रदीप चौरसिया, शैलेन्द्र भट्ट, महेश माहेश्वरी ने विभिन्न खेलों में भाग लिया।

    कार्यक्रम में ओम प्रकाश यादव, बाबू शंकर जायसवाल, मंगलेश जायसवाल, धीरेंद्र शर्मा, अखिल वर्मा, आदित्य गोयनका, प्रमोद पांडेय आदि उपस्थित थे। इस आयोजन ने न केवल वरिष्ठ नागरिकों को अपने बचपन की यादों में खो जाने का अवसर दिया, बल्कि उन्हें एकजुट होकर खेलों के माध्यम से आनंदित होने का भी मौका प्रदान किया।