सोनभद्र आएंगे असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य, छोटे भाई शीतला आचार्य के घर करेंगे मुलाकात
असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य जल्द ही सोनभद्र आएंगे। वे अपने छोटे भाई शीतला आचार्य से उनके घर पर मिलेंगे। यह दौरा पूरी तरह से व्यक्तिगत है, और इसमें कोई राजनीतिक कार्यक्रम शामिल नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने राज्यपाल के आगमन को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। यह दौरा आचार्य परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।

रामगढ़ कस्बे में 11 बजे श्री कालिदास शिक्षण संस्थान कसारी के संचालक छोटे भाई शीतला आचार्य के घर आएंगे।
जागरण संवाददाता, रामगढ (सोनभद्र)। आगामी 13 नवंबर गुरुवार को असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य के आगमन को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। राज्यपाल सड़क मार्ग से रामगढ़ कस्बे में 11 बजे श्री कालिदास शिक्षण संस्थान कसारी के संचालक छोटे भाई शीतला आचार्य के घर आएंगे।
इस दौरान क्षेत्रीय लोग उनका स्वागत व सम्मान के साथ मुलाकात करेंगे। दोपहर लगभग 12 बजे श्री कालिदास शिक्षण संस्थान कसारी (रामगढ़) चतरा में नवनिर्मित इंटरलाकिंग मार्ग का लोकार्पण करने के बाद विद्यालय के पूर्व छात्रों व अभिभावकों से संवाद करेंगे।
इसके बाद असम के राज्यपाल चतरा क्षेत्र के पटना गांव में घाघर नदी के तट पर स्थित श्री ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नीलांबर पीतांबर खरवार स्मृति सम्मान समारोह में शिरकत करेंगे। इसके पूर्व राज्यपाल पटना गांव से पहले सिलथम चौराहे पर नवनिर्मित मुख्य द्वार का लोकार्पण करेंगे।
कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा और डाक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास बने शेड का उद्घाटन करेंगे। राज्यपाल के आगमन पर रामगढ़ कस्बे में विभिन्न स्कूलों के बच्चे स्वागत की तैयारी कर रहे हैं।
राज्यपाल का चतरा क्षेत्र से पूर्व से ही रहा है लगाव
राज्यपाल के पद का दायित्व संभालने के बाद लक्ष्मण आचार्य का आगमन चतरा क्षेत्र में प्रथम बार हो रहा है। हालांकि राज्यपाल का क्षेत्र से वर्षों पूर्व से काफी लगाव रहा है। जनपद में कई विद्यालयों की स्थापना के क्रम में उन्होंने वर्ष 1980 में नैतिकता, सदाचार व शिक्षा के क्षेत्र में पहचाने जाने वाले श्री कालिदास शिक्षण संस्थान की स्थापना रामगढ़ कस्बे में की थी।
आज भी बीते 45 वर्षों से संचालित है। इसका जिम्मा उनके सगे छोटे भाई शीतला आचार्य संभाल रहे। स्थापना के बाद वे कई बार संस्थान से अच्छी शिक्षा के लिए बच्चों व अभिभावकों को प्रेरित करते रहें। उनकी मधुर शैली और वाकपटुता के सभी कायल है।
वे प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं। इसके पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य निगम के चेयरमैन रहे। दो बार विधान परिषद सदस्य के साथ दो बार नेता पद का भी नेतृत्व करने का मौका मिला।

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