बेगमपुरा Covid Special Train का AC Coach बना आर्ट गैलरी, पटरी पर लौटने लगी रेलवे की रौनक
कोरोना वायरस संक्रमण काल में रेल यात्रियों को आकर्षित करने के लिए रेलवे ने इस ट्रेन की बोगियों में नया प्रयोग किया है। इस तरह ट्रेन की बोगियों में डेक ...और पढ़ें

वाराणसी [अनूप अग्रहरि]। वाराणसी से जम्मूतवी तक जाने वाली ट्रेन संख्या 02237/38 का फर्स्ट क्लास एसी कोच किसी आर्ट गैलरी से कम नहीं है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में रेल यात्रियों को आकर्षित करने के लिए रेलवे ने इस ट्रेन की बोगियों में नया प्रयोग किया है। इस तरह ट्रेन की बोगियों में डेकोरेशन के जरिए पर्यटकों को आकर्षित कर आमदनी का जरिया बनाने की तैयारी है। ट्रेन से सफर करने वालों ने अपना जागरण से अनुभव साझा कर इसे बेहतरीन पहल करार दिया है।
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उत्तर रेलवे के वाराणसी जंक्शन (कैण्ट स्टेशन) से चलने वाली ट्रेन संख्या 02237/38 के फर्स्ट एसी कोच को भी आर्ट गैलरी बना दिया गया। ट्रेन के कोच में काशी के घाट, प्राचीन स्थल और मंदिर के चित्र बनाए गए हैं। लंबे समय बाद यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह नया अनुभव है। पाण्डेयपुर के संजय अवस्थी ने जागण को बताया कि उन्हें जम्मू जाना है, लंबे समय बाद यह सुखद अनुभव है। रेलवे यात्री सुविधाओं में ऐसे ही बढ़ोत्तरी करे तो आय में भी इजाफा होगा। वहीं छावनी निवासी रंजना वाजपेयी ने बताया कि उनके बच्चे तो कोच को देखते ही रह गये।
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दरअसल कोरोना संक्रमण काल में बेपटरी हुई भारतीय रेलवे की आमदनी को अब पटरी पर लाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में पर्यटकों को रेलवे में बेहतर सेवा के लिए अतिरिक्त प्रयास कर कोच को नीट एंड क्लीन के साथ ही आकर्षक साज सज्जा भी की जा रही है। इसी कड़ी में कई एसी कोचों में डेकोरेशन कर उनको आकर्षक बनाकर पर्यटकों काे रिझाया जा रहा है।
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पांच से छह लाख की लागत
रेलवे के अधिकारियों की मानें तो एसी फर्स्ट क्लास के पूरे कोच (वॉशरुम) गेट वगैरह की सजावट में लगभग पांच से छह लाख की लागत आयी है। बेगमपुरा एक्सप्रेस के एसी फर्स्ट क्लास के कोच में वेलकम करने के अंदाज में लगा महाराजा का पोस्टर भी बच्चों को काफी पसंद आ रहा है।
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बोले अधिकारी
कोरोना संक्रमण काल के बाद ट्रेनों को गति देने की तैयारी है। यात्रियों को सुविधा देने के साथ ही आगे भी अन्य ट्रेनों के एसी फर्स्ट व अन्य एसी कोच को इसी तर्ज पर सजाया जायेगा। -रवि प्रकाश चतुर्वेदी, एडीआरएम, उत्तर रेलवे, वाराणसी।

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