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सिपाही से एसडीएम बने बलिया के श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त, लगाया था फर्जी जाति प्रमाण पत्र

सिपाही से एसडीएम बने बलिया के बैरिया तहसील क्षेत्र के इब्राहिमाबाद उपरवार निवासी श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 01:08 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 01:43 PM (IST)
सिपाही से एसडीएम बने बलिया के श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त, लगाया था फर्जी जाति प्रमाण पत्र
सिपाही से एसडीएम बने बलिया के श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त, लगाया था फर्जी जाति प्रमाण पत्र

बलिया, जेएनएन। सिपाही से एसडीएम बने  जिले के बैरिया तहसील क्षेत्र के इब्राहिमाबाद उपरवार निवासी श्याम बाबू की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के प्रमाण पत्र के आधार पर वर्ष 2016 की पीसीएस परीक्षा में  चयनित होकर  एसडीएम बने थे। कई स्तर पर हुई जांच में प्रमाण पत्र फर्जी साबित होने के बाद अपर मुख्य सचिव ने यह आदेश जारी किया। श्याम बाबू की तैनाती बतौर उप जिलाधिकारी (परिवीक्षाधीन) संतकबीर नगर में थी।

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इलाहाबाद (प्रयागराज) में सिपाही रहते हुए वर्ष 2016 में पीसीएस की मेरिट सूची में अपनी जगह बनाई। गोंड जाति के श्याम बाबू ने एसटी का प्रमाण पत्र लगाया था। नियुक्ति के बाद मूल आदिवासी जनजाति कल्याण संस्था गोरखपुर के अध्यक्ष विजय बहादुर चौधरी ने श्याम बाबू के विपक्ष में जिलास्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति की ओर से जून 2019 में जारी आदेश को निरस्त करने के लिए मंडलीय अपीलीय फोरम में अपील की।

इस संबंध में कमिश्नर की अध्यक्षता में मार्च 2020 में बैठक हुई। इसमें बलिया के सीआरओ प्रवरशील बरनवाल, उप निदेशक पंचायत राम जियावन व समाज कल्याण के उप निदेशक सुरेश चंद्र के साथ ही अपीलकर्ता व श्याम बाबू भी मौजूद हुए। यहां शिकायतकर्ता ने कहा कि श्याम बाबू का एसटी का प्रमाण पत्र हेराफेरी पर आधारित है। बैरिया के तहसीलदार ने अपनी आख्या में श्याम बाबू को एसटी का नहीं माना है। यह भी बताया कि उच्च न्यायालय में दायर याचिका के जवाब में बलिया के डीएम व बांसडीह तहसीलदार की ओर से पत्र दाखिल किया गया है कि बलिया में ये जनजाति नहीं पाई जाती है।

फर्जी एसडीएम बनकर रौब जमाने वाला युवक हुआ था गिरफ्तार

2018 को जुलाई माह में बलिया के अलग अगल क्षेत्रों में  खुद को एसडीएम बताकर खूब खातिरदारी कराने वाले युवक को पुलिस ने धर दबोचा था। वह उस समय वह पुलिस के हत्थे चढ़ा जब बैरिया के चौकी इंचार्ज को फोन कर खुद को बांसडीह एसडीएम राजेश पाठक  बताया और कुछ मांग की। तब  चौकी इंचार्ज ने बताया कि वह छुट्टी पर हैं, हालांकि  उन्होंने एक सिपाही को फोन कर सुरेमनपुर पहुंचने के लिए कहा लेकिन साथ ही उन्हें शक भी हुआ तो एसडीएम बांसडीह संतलाल से संपर्क कर जानकारी ली। इसके बाद सारा पोल खुल गई। पकड़े गए युवक ने अपना नाम सुनील कुमार मिश्र पुत्र विशंभरनाथ मिश्र ग्राम हवसपुर थाना झूंसी इलाहाबाद बताया। पुलिस की मानें तो उक्त युवक ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए, एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की है। बताया कि वह वर्ष 2008 से 2013 तक तीन बार पीसीएस के परीक्षा दे चुका है लेकिन सफलता नहीं मिली।


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