Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाराणसी में फिर हादसा, भरभराकर गिरी मकान की सीढ़ी; 11 लोग फंसे

    Updated: Wed, 07 Aug 2024 07:14 PM (IST)

    वाराणसी में बारिश के कारण लगातार दूसरे दिन हादसा हो गया। यहां लालघाट स्थित एक मकान की सीढ़ी भरभराकर गिर गई जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। वहीं मकान पर ऊ ...और पढ़ें

    Hero Image
    वाराणसी में फिर हादसा- भरभराकर गिरी मकान की सीढ़ी।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोतवाली थाना क्षेत्र के लालघाट स्थित बुचई टोला में बुधवार शाम साढ़े छह बजे तीन मंजिला मकान को दूसरी से तीसरी मंजिल को जोड़ने वाली सीढ़ी भरभराकर गिर पड़ी। 

    आस-पड़ाेस के लोग अनहोनी की आशंका में दौड़े तो तीसरी मंजिल पर फंसे 11 लोग बचाने की गुहार लगा रहे थे। पुलिस को भनक लगी तो बमुश्किल आधा घंटा में एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया, जिसके बाद सीढ़ियों के सहारे सभी को सुरक्षित निकाला लिया गया। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेस्क्यू ऑपरेशन में डेढ़ घंटे का समय लगा। कोतवाली पुलिस ने मकान को खाली कराकर अपना ताला जड़ दिया है। अग्निशमन विभाग की टीम भी पहुंची थी।

    करीब डेढ़ सौ साल पुराना मकान

    बुचई टोला निवासी लखन राम करीब डेढ़ सौ साल पूर्व निर्मित पुरखों के मकान में रहते थे। कुछ वर्ष पूर्व उनका निधन हुआ तो उनके दो पुत्र मुन्नू प्रसाद और गुरु प्रसाद अपने परिवार के साथ अन्यत्र रहने लगे। 

    कारण यह कि मकान जर्जर हो चला था, जबकि पांच भाइयों में मनदमोहन, गौरीशंकर, लालू प्रसाद, स्व. गोपाल के पुत्र महेंद्र और स्व. बाबुल के पुत्र शशिकांत के परिवार के 30 सदस्य इसी मकान में रहते हैं। 

    शाम को सीढ़ी गिरी तो आस-पड़ोस के लोग दहल उठे। मकान जर्जर हाेने से तीसरी मंजिल पर फंसे 11 लोग चीखने लगे। उन्हें सकुशल निकाला गया और मकान को खाली करा दिया गया।

    एनडीआरएफ ने 11 लोगों का किया रेस्क्यू

    मनदमोहन, उनकी पत्नी चुनमुन देवी, बिहारी लाल (बड़ा बेटा), गिरधारी लाल (छोटा बेटा), पिंकी (पुत्र वधू), सीमा (पुत्र वधू), अनिकेत (पौत्र), अभय (पौत्र), आकांक्षा (पौत्री), अंतरा (पौत्री), रिद्धि (पौत्री)।

    ठिकाने की तलाश में परिवार

    पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए मकान खाली करवा दिया। ऐसे में उस मकान में रह रहे 30 परिजन मुहल्ले में ही परिचितों के घर शरण लिए हैं। हालांकि, पुलिस के इस निर्णय से लोग नाराज भी दिखे। 

    कहा कि सामान निकालने की मोहलत मिलनी चाहिए। पुलिस से भी अपनी बात कही, लेकिन उन्होंने जोखिम नहीं उठाया। मकान में रह रहा पांच भाइयों का परिवार अलग-अलग मछली का छाेटा कारोबार करने के कारण गरीब है।

    रेस्क्यू उपकरण ढोकर ले जाए गए

    मुख्य मार्ग से जर्जर मकान औसतन करीब छह फीट की गली में 200 मीटर दूर थी। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू के साजो सामान लेकर पहुंची तो गली के पास अटक गई। ऐसे में एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू उपकरण को उठाकर मौके तक ले गए।

    सीढ़ी गिरने से तीसरी मंजिल पर फंसे 11 लोगों और एक पशु कुत्ते को सुरक्षित निकाला गया।मकान पुराना होने के कारण जर्जर प्रतीत हो रहा था। इसलिए सुरक्षा के दृष्टिगत मकान को खाली करा लिया गया है।

    -आनंद सिंह राजपूत, सीएफओ।

    मकान जर्जर नहीं था, कुछ वर्षों में हुई दिक्कत

    मदनमोहन ने कहा कि शुक्र है कोई घटना नहीं हुई। बताया कि इधर छह सात वर्षों में मकान जर्जर हुआ है। परिवार के लोग ही नहीं चाहते कि मकान की मरम्मत हो पाए।

    यह भी पढ़ें: Varanasi House Collapse: वाराणसी में 400 भवन जर्जर, 25 को खाली करने का नोटिस

    यह भी पढ़ें: Varanasi News: काशी विश्वनाथ मंद‍िर के पास 100 साल पुराना मकान गिरा, आठ घायल, एक की मौत