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    वाराणसी में बाबा विश्वनाथ धाम कारीडोर में लगेगी महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा

    By Abhishek SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 31 May 2021 08:22 PM (IST)

    अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए घाट बंधवाए कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया मार्ग बनवाए-सुधरवाए भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्न्क्षेत्र) खोले प्यासों के लिए प्याऊ लगवाए।

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    अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर काफी निर्माण कराया है।

    वाराणसी, जेएनएन। त्रेता काल में भगवान श्रीराम ने देवी अहिल्या को पत्थर से मानव योनि प्रदान की थी, लेकिन कलियुग में शिवभक्त महारानी अहिल्या बाई ने काशी के पत्थरों में जान डाली थी। अपने काशी प्रवास के दौरान उन्होंने द्वादश ज्योतिर्लिंग आदि विश्वेश्वर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के वर्तमान स्वरूप को आकार देने के अलावा उन्होंने कई कुंडों को नया जीवन दिया और कई घाटों को निर्माण कराया। आस्था को सम्मान और काशी के पुनर्निर्माण में अहिल्याबाई के योगदान को देखते हुए कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। योगदान को शिलापट पर उकेर कर सम्मान दिया जाएगा।

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    महारानी अहिल्याबाई होल्कर इंदौर की महारानी थीं, विशाल मराठा साम्राज्य की स्वामिनी। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मंदिर बनवाए, घाट बंधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-सुधरवाए, भूखों के लिए अन्नसत्र (अन्न्क्षेत्र) खोले, प्यासों के लिए प्याऊ लगवाए। शास्त्रों के मनन-चिंतन और प्रवचन के लिए मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति की। काशी में उन्होंने वर्ष 1785 में गंगा किनारे महल और दो मंदिर भी बनवाए। यह स्थान आज अहिल्याबाई घाट के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मणिकर्णिकाघाट पर बाबा तारकेश्वर महादेव के मंदिर निर्माण भी कराया था।

    पंचगंगा घाट पर बनवाया गया हजारा देव दीपावली पर उनकी कीर्ति का प्रतीक बन जाता है। बाबा विश्वनाथ मंदिर का वर्तमान स्वरूप 1777 से 1780 के बीच का माना जाता है। खास यह कि काशी की साज-संवार व सांस्कृतिक थाती सहेजने में अतुलनीय योगदान के बाद भी अब तक अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा लगाने की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। उनके बाद अब जब बाबा दरबार को बनारस के सांसद पीएम नरेंद्र मोदी के संकल्पों के तहत विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के रूप में आकार दिया जा रहा है तो ऐसे में महारानी अहिल्याबाई के योगदान को देखते हुए कॉरिडोर में उनकी प्रतिमा लगाई जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को निर्देश दे चुके हैैं। इस दिशा में प्रयास शुरू हो चुका है। बाबा धाम गंगा तट तक विस्तार पा रहा तो उनकी स्मृतियों का रंग भी चटख होता जा रहा है। आर्किटेक्ट को प्रतिमा स्थल चयन के लिए निर्देश दिया जा चुका है।

    महारानी अहिल्याबाई की जयंती पर बाबा में हुई विशेष पूजा

    वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण कराने वाली शिवभक्त महारानी अहिल्या बाई होल्कर की जयंती के शुभ अवसर पर सोमवार को श्रृंगार, भोग, आरती के बाद बाबा के गर्भगृह में विशेष पूजा हुई। मंदिर के अर्चक डॉ श्रीकांत मिश्र ने बताया कि महारानी की जयंती के अवसर पर विशेष पूजा श्रृंगार सुगंधित पुष्पों से की गई। बिल्वपत्र व कमल पुष्प से सहस्रार्चन तथा केशरयुक्त 51 किलो दूध से अभिषेक किया गया। इस दौरान उपस्थित भक्त व कर्मचारियों में प्रसाद वितरित किया गया।