समाजवादी पार्टी में अंबिका चौधरी की वापसी के बाद सपा में पुराना माहौल बनाने की कवायद
पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की सपा में वापसी से जनपद की राजनीति में समीकरण बदलने के आसार बन सकते हैं। आपसी फूट के कारण 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा सात विधानसभा सीटों में से मात्र एक बांसडीह में जीत हासिल कर सकी थी।

जागरण संवाददाता, बलिया : विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने लगी है। सभी प्रमुख दल अपने तरकश के तीर निकालने लगे हैं। इस बीच पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की सपा में वापसी से जनपद की राजनीति में समीकरण बदलने के आसार बन सकते हैं। आपसी फूट के कारण 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा सात विधानसभा सीटों में से मात्र एक बांसडीह में जीत हासिल कर सकी थी। कार्यकर्ताओं में अब हालात बदलने की उम्मीद जगी है। ताजा सियासी घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि पार्टी में मनमुटाव खत्म हो गया है। पूर्व मंत्री नारद राय पहले ही सपा में वापस हो चुके हैं। पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी को भी सम्मानजनक तरीके से स्वयं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया। समाराेह में शिरकत करने के लिए बलिया के हर विधानसभा क्षेत्र से नेता गए थे। वहीं टिकट के दावेदारों की घुकधुकी बढ़ गई है। अधिकांश सीटों पर टिकट का पेंच फंस सकता है। फेफना, सदर और बैरिया का मसला तो और भी पेंचीदा है।
भावुक पल की खूब हो रही चर्चा : लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी के दफ्तर में शनिवार को सदस्यता ग्रहण के कार्यक्रम में भावुक पल की चर्चा खूब हो रही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भावनात्मक बातों से अंबिका चौधरी खुद को संभाल नहीं पाए और मंच पर ही रो पड़े। अखिलेश यादव ने कहा कि अंबिका चौधरी बहुत भावुक हो गए हैं। जो कहना चाह रहे, वो भी नहीं कह पा रहे हैं। इससे लगता है कि वह कितने कष्ट से समाजवादी पार्टी को छोड़कर गए होंगे। आज मुझे इसका एहसास हुआ है।
500 लोग गए थे लखनऊ : सपा जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव ने बताया कि 18 अगस्त को पार्टी मुखिया अखिलेश यादव का निर्देश मिला कि 28 अगस्त को बलिया के नेताओं की मीटिंग कराई जाए। उसी क्रम में लगभग 500 लोग लखनऊ गए थे। पार्टी मुखिया की ओर से हर विधान सभा क्षेत्र में गोपनीय सर्वे कराया जाएगा।
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