होली पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बस सेवा के दावे तमाम, जमीन पर मंगलमय यात्रा की चुनौती
होली पर पूरे प्रदेश की जनता रोडवेज बस पर सफर करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की रोडवेज बसों का प्रयोग धड़ल्ले से कर रही है। लेकिन बस सेवा के दावे तमाम होने के बाद भी जमीन पर मंगलमय यात्रा की चुनौती बनी हुई है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अपनी बसों में यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का दावा भले करे लेकिन स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी उनकी मंशा पर पानी फेर दे रहे हैं। बसों के मरम्मत के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। ज्यादातर बसों में सुविधाएं नदारत है। हालत यह है कि बसों की सीट तक खराब हो गई है, बैठने के साथ कब और कहां यात्रियों के कपड़े में खोंच लग जाए, नया कपड़ा खराब हो जाए कहा नहीं जा सकता है। हालत यह है कि नई बसें भी कुछ माह में पुरानी बसों के सामान हो जा रही है जबकि मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, परिवहन निगम में इन बसों की मरम्मत के लिए अलग अनुभाग भी है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम खुद की बसों का संचालन कर निजी कंपनियों के साथ स्केनिया, वोल्वो, इलेक्ट्रिक बसें आदि संचालित कर रहा है। परिवहन निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में 503 बसें संचालित है, यदि इन बसों पर नजर डाली जाए तो ज्यादातर की हालत अच्छी नहीं है। किसी बस में खिड़की का शीशा गायब है तो किसी का सीट खराब है। सफाई का ठेका होने के बाद भी सफाई नहीं होती है। उन बसों में दुर्गंध निकलने के चलते यात्री बैठना नहीं चाहते हैं।
इसकी शिकायत यात्री कई बार स्थानीय अधिकारियों से कर चुके हैं, यात्रियों को दोषी कर्मचारियों के खिलाफ या एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया जाता है लेकिन होता कुछ नहीं है। यात्रियों को समय से नौकरी या अपने मंजिल पर पहुंचना होता, ऐसे में वे शिकायत करके चले जाते हैं। अधिकारी जानते हैं कि बाद में यात्री कार्रवाई के बारे में पूछने के लिए नहीं आएगा, ऐसे में वह कुछ नहीं करते हैं। इस बारे में क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी का कहना है कि बसों की मरम्मत कराने के साथ सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखा जाता है, इसके लिए एआरएम को आदेशित किया गया है। मेरे स्तर पर भी जांच की जाती है। कई कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।